पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति छोड़ देंगे? अमेठी का चुनाव परिणाम आने के बाद इस तरह के सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. दरअसल इस सवाल का जन्म नवजोत सिंह सिद्धू के 28 अप्रैल 2019 को एक बयान से हुआ है.
लोकसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है और खुद पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए हैं. अमेठी से राहुल का चुनाव हारना सबको हैरान कर रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस की पारंपरिक सीट राहुल गांधी से छीन ली है.
अब आते हैं कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर, सिद्धू ने रायबरेली में सोनिया गांधी के लिए चुनाव प्रचार करते हुए 28 अप्रैल को एक सभा में कहा था कि अगर राहुल गांधी अमेठी से हार जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे. सिद्धू उस समय आत्मविश्वास से लबरेज थे और शायद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका यह बयान एक महीने के अंदर ही भारी पड़ने वाला है.
I will quit politics, if Rahul Gandhi loses Amethi: Navjot Singh Sidhu
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@INCIndia @Shehzad_Ind @SureshNakhua @RahulGandhi https://t.co/KntOiHUOFh
— Kabir Goswami (@kabirgoswami) May 23, 2019
यही नहीं, उस दिन नवजोत सिंह सिद्धू ने राष्ट्रवाद पर बीजेपी को घेरते हुए कहा था कि लोगों को रायबरेली की सांसद और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से राष्ट्रवाद सीखना चाहिए. कांग्रेस के 70 साल के राज में कोई काम नहीं होने के बीजेपी के नारे पर सवाल उठाते हुए सिद्धू ने कहा था कि कांग्रेस राज में देश में सबकुछ बनता था, सूई से लेकर जहाज तक देश में ही बनते थे.
He rejected the claim that BJP candidate Smriti Irani is giving a thogh fight to Rahul Gandhi in Amethi.
I will quit politics, if Rahul Gandhi lose Amethi: Navjot Singh Sidhu. pic.twitter.com/yjTzaQjFfM
— Chowkidar Naresh Vaghani 🇮🇳 (@q03F5F2Zwj0qlnF) May 23, 2019
अब जब राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए हैं तो फिर सोशल मीडिया पर नवजोत सिंह सिद्धू से अपने बयान को लेकर सवाल पूछा जा रहा है. बता दें कि सिद्धू पहले बीजेपी में थे, लेकिन अब पंजाब की कांग्रेस सरकार में कबीना मंत्री हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे.
हालांकि सिद्धू अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. इससे पहले, एक विवादित बयान को लेकर चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए सिद्धू को प्रचार से 72 घंटे दूर कर दिया था.