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'पहला चुनाव जिसमें भ्रष्टाचार, महंगाई और सेकुलरिज्म मुद्दा नहीं रहा'

पीएम मोदी ने कहा, यह मोदी की जीत नहीं है, यह देश में ईमानदारी के लिए तड़पती आशा, आकांक्षाओं की जीत है. यह जीत उस बीमार व्यक्ति की है जो पैसे न होने के कारण इलाज नहीं करवा पा रहा था और आज इलाज करवा पा रहा है.

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बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी
बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी

दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2019 में मिली प्रचंड जीत के लिए जनता को धन्यवाद कहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा चुनाव हुआ है जिसमें भ्रष्टाचार, महंगाई और सेकुलरिज्म मुद्दा नहीं रहा.

पीएम मोदी ने कहा, 'यह मोदी की जीत नहीं है, यह देश में ईमानदारी के लिए तड़पती आशा, आकांक्षाओं की जीत है. यह जीत उस बीमार व्यक्ति की है जो पैसे न होने के कारण इलाज नहीं करवा पा रहा था और आज इलाज करवा पा रहा है. यह जीत उन किसानों की है जो देश के पेट को भरने के लिए अपने पेट के खयाल को दरकिनार करके काम में जुटा रहता है. यह पक्के घर में हाल मे प्रवेश करने वालों की विजय है.'

उन्होंने कहा, 'यह विजय उन मध्यम वर्गीय लोगों की जीत है जो बिना सोचे टैक्स भरता रहा है. इस चुनाव ने ईमानदारी को एक नई स्वीकृति दी है. सेकुलरिज्म के नारे लगाने वाली जमात ने 2014 से 2019 आते आते बोलना ही बंद कर दिया. ये बेनकाब हो गए.'

पीएम मोदी ने कहा कि हिन्दुस्तान में ऐसा कोई भी चुनाव नहीं हुआ जब महंगाई मुद्दा नहीं बनी हो, लेकिन इस चुनाव में विपक्ष ने एक बार भी इसे मुद्दा नहीं बनाया. साथ ही यह पहला चुनाव था जब कोई भी दल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा पाया. साथ ही महंगाई और सेकुलरिज्म पर भी सबकी बोलती बंद हो गई. इसलिए राजनीतिक पंडितों को समझ नहीं आ रहा था कि इसे कैसे तौला जाए.

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उन्होंने कहा कि जनता ने एक नया नैरेटिव देश के सामने रख दिया है. वो यह है कि अब इस देश में दो ही जाति बचेगी और देश इन दो जातियों पर ही केंद्रित रहने वाला है. जाति के नाम पर खेल खेलने वालों पर इस चुनाव में कड़ा प्रहार हुआ है. एक जाति है गरीब और दूसरी जाति है जो उन्हें गरीबी से मुक्त कराना चाहते हैं. यह दो ही जातियां हैं. हमें दोनों को सशक्त करना है. ये दोनों शक्तियां इस देश से गरीबी के कलंक को मिटा सकती हैं.

उन्होंने कहा कि यही वो समय है जब महात्मा गांधी के 150 वर्ष मानाएगा और आजादी के 75 वर्ष मनाएगा. 1942 से 1947 तक हर व्यक्ति हर काम आजादी के लिए करता था. 1942 से 1947 तक एक जनांदोलन ने आजादी में एक अहम भूमिका निभाई. यह कालखंड देश के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण रहा. आज अगर हम भी संकल्प लें कि देश को विकसित भारत बनाना है तो देश को हम नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं. इसलिए इस चुनाव को नम्रता से स्वीकारना है.

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