कुंभ के दौरान स्वच्छता को लेकर बटोरी वाहवाही, अब कूड़े का ढेर बना पर्यावरण और लोगों के लिए खतरा

5 वर्ष पहले
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  • कुंभ के दौरान चलाया गया था स्वच्छता अभियान 
  • दो महीने तक चले कुंभ के दौरान जमा हुआ था कचरा 
  • बसवार में बना सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लंबे समय से बंद
  • प्लांट की क्षमता से अधिक पहुंच रहा था कूड़ा

प्रयागराज. कुंभ के दौरान साफ-सफाई के लिए वाहवाही लूटने वाली उत्तरप्रदेश सरकार अब मेला क्षेत्र से इकट्ठा हुए करीब 2000 टन कचरे का निपटारा करने में नाकाम साबित हो रही है। कूड़ा और निर्माण सामग्री मेला क्षेत्र से 7 किमी दूर बसवार गांव में सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर फैली पड़ी है। बारिश से पहले इसे ठिकाने नहीं लगाया गया तो बीमारियां फैलने का खतरा है। 45 दिन चले कुंभ मेला पर सरकार ने 4200 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

 

निगरानी समिति ने कहा था- खुले में रखा कचरा नुकसानदायक

इस कचरे को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने सेवानिवृत जस्टिस अरुण टंडन की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति बनाई थी। समिति ने कहा था कि यह कचरा खुले में रखा गया है, जो लोगों के लिए परेशानियां पैदा कर रहा है। पिछले महीने एनजीटी ने प्रयागराज प्रशासन से यह समस्या तत्काल हल करने को कहा था।

 

ट्रीटमेंट प्लांट में क्षमता से ज्यादा कचरा पहुंचने की वजह से लगा ढेर

पहले शिकायत मिली थी कि प्रयागराज जिले के बसवार गांव स्थित सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सितंबर 2018 से बंद है। इस पर उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव ने जवाब मांगा था। तब प्लांट के प्रबंधकों ने अपने जवाब में कहा था कि प्लांट की क्षमता राेजाना 400 टन कचरा निपटाने की है, जबकि यहां 600 टन कचरा पहुंच रहा है।

 

बारिश से पहले समस्या का समाधान जरूरी

मेला क्षेत्र के आसपास गांव बसवार, ठाकुरपुरवा, मोहब्बतगंज, बुंगी और सिमता के लोगों को कहना है कि कूड़े का बारिश से पहले निपटारा नहीं हुआ तो परेशानियां बहुत बढ़ जाएंगी। गंदगी और मच्छरों की वजह से यहां रहना मुश्किल हो जाएगा।

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