तीसरे मोर्चे के सवाल पर कांग्रेस ने साधी चुप्‍पी, मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- हम ही फर्स्‍ट फ्रंट
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तीसरे मोर्चे के सवाल पर कांग्रेस ने साधी चुप्‍पी, मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- हम ही फर्स्‍ट फ्रंट

चुनाव परिणाम 23 मई को सामने आएंगे. लेकिन उससे पहले आए Exit Poll ने विपक्षी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. ऐसे में एनडीए और यूपीए के अलावा तीसरे फ्रंट की बात चलने लगी है.

तीसरे मोर्चे के सवाल पर कांग्रेस ने साधी चुप्‍पी, मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- हम ही फर्स्‍ट फ्रंट

नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम 23 मई को सामने आएंगे. लेकिन उससे पहले आए Exit Poll ने विपक्षी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. ऐसे में एनडीए और यूपीए के अलावा तीसरे फ्रंट की बात चलने लगी है. इस तीसरे फ्रंट में गैर एनडीए और यूपीए के दलों को शामिल किए जाने की बात चल रही है. इसमें तृणमूल कांग्रेस के अलावा, सपा-बसपा, टीआरएस और वाइएसआरसीपी जैसी पार्टियां शामिल हो सकती हैं. हालांकि इस तीसरे मोर्चे को समर्थन देने के मामले पर कांग्रेस ने चुप्‍पी साध ली है.

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता मल्‍ल‍िकार्जुन खड़गे से जब तीसरे मोर्चे के बारे में सवाल किया गया तो उन्‍होंने कहा, हम इस पर कुछ नहीं कहना चाहते. अभी तो हम ही फर्स्‍ट फ्रंट हैं. आगे क्‍या करना है इस बारे में राहुल गांधी निर्णय लेंगे. सोनिया गांधी ने यूपीए की बैठक बुलाई है.

महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायी दल के नेता का चयन 23 मई के बाद: खड़गे

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे  ने कहा, महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायी दल के नये नेता का चयन 23 मई को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद किया जाएगा.  खड़गे ने नये नेता के बारे में दृष्टिकोण जानने के लिये पार्टी के विधायकों एवं विधान पार्षदों की बैठक आयोजित की. सूत्रों ने कहा कि विधायी दल के नेता बनने की दौड़ में पूर्व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, पूर्व मंत्री वर्षा गायकवाड़ और नागपुर के सुनील केदार शामिल हैं.

राधाकृष्ण विखे पाटिल के इस्तीफा देने के बाद से महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के विधायी दल के नेता का पद खाली है. पाटिल ने अपने पुत्र सुजय के भारतीय जनता पार्टी में चले जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. सोमवार की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी हाई कमान को विधायी दल का नेता चुनने का पूर्ण अधिकार दिया गया.

खड़गे ने कहा, ‘‘मैंने विधायकों और विधान पार्षदों से बातचीत की और मुद्दों पर चर्चा की. मैंने उनसे एक नेता से की जाने वाली अपेक्षा पर भी चर्चा की.’’
 

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