खेलते हुए बोरवेल में गिरी बच्ची, रोने की आवाज दे रही है सुनाई, एसडीआरएफ की टीम ने संभाला मोर्चा

5 वर्ष पहले
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  • चार सौ फीट गहरा है बोरवेल
  • सेना की मदद मांगने पर विचार

जोधपुर. यहां मेलाना गांव में लगभग 13 घंटे के रेस्क्यू के बाद भी 4 साल की बच्ची सीमा को नहीं बचाया जा सका। मंगलवार सुबह उसका 350 फीट गहरे बोरवेल से शव बाहर निकाला गया। पुलिस, सिविल डिफेंस व एसडीआरएफ की टीम ने सोमवार शाम 6:15 बजे रेस्क्यू शुरू किया था। पहले केबल के सहारे बोरवेल में कैमरा उतारा गया, तब सीमा 130 फीट पर फंसी थी। फिर पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाई गई।

 

बच्ची सीमा पुत्री पूनाराम साेमवार शाम 5:30 बजे बाेरवेल में गिर गई थी। शाम 7:30 बजे 10 जेसीबी से बाेरवेल के समानांतर खुदाई शुरू की गई। रात 8 बजे तक उसके राेने की आवाज भी सुनाई दे रही थी। लेकिन, इसके बाद वो धीरे-धीरे नीचे खिसकती गई। रात 11 बजे तक वह 230 फीट गहराई तक चली गई थी। कैमरे में भी काेई हलचल नजर नहीं आ रही थी। एनडीआरएफ की टीम रात 12:20 मौके पर पहुंची। रात 2 बजे कैमरे में पानी दिखा, पर सीमा नजर नहीं आई। सुबह रेस्क्यू टीम ने बोरवेल से शव बाहर निकाला।


मासूम के दादा करताराम ने बताया कि खेत के बाेरवेल का पंप खराब हाे गया था, इसलिए उसे बाहर निकाल वायरिंग का काम किया जा रहा था। तब सीमा भी आसपास ही खेल रही थी। इस दाैरान उसे किसी चींटी ने काट लिया, ताे वह दाैैड़कर मेरे पास आई, फिर जैसे ही पीछे जाने के लिए मुड़ी तब घास से उसका पांव फिसल गया और वह खुले बोरवेल में जा गिरी। कुछ ही देर में पुलिस व बावड़ी एसडीएम मौके पर पहुंचे। रात तक एडीएम द्वितीय महिपाल कुमार, भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग व ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा भी पहुंचे। 


रात 8 बजे तक आ रही थी आवाज, फिर कोई हलचल नहीं 
 

  • शाम 5:30 बजे सीमा गिरी। 
  • 5:40 बजे खेड़ापा पुलिस पहुंची। 
  • 6:30 बजे एसडीआरएफ पहुंची। 
  • 7:00 बजे कैमरे से लाेकेशन देखी, ऑक्सीजन पहुंचाई। 
  • 7:30 बजे खुदाई शुरू। 
  • रात 8 बजे आखिरी बार राेने की आवाज। फिर कोई हलचल नहीं। 
  • 11 बजे 230 फीट पर फंसने का पता चला। 
  • 12:20 बजे एनडीआरएफ टीम पहुंची। 
  • 1:46 बजे 220 फीट पर पानी दिखा। 
  • 2:15 बजे पैरेलल खुदाई रोक दी गई। 
  • 3:00 बजे बिलोई और कैमरे से बच्ची को निकालने के प्रयास शुरू।

 

खेड़ापा के पास मेलाणा गांव में अपने खेत के ही बोरवेल में 350 फीट गहरे बोरवेल में गिरी सीमा के पहले शाम 6:15 बजे 130 फीट पर फंसे होने का पता चला। इसके बाद वो खिसकती-खिसकती 230 फीट नीचे भरे गहरे पानी में उतर गई। इधर, प्रशासन ने रात 2:15 बजे बोरवेल के पास की जा रही खुदाई रोक दी। प्रशासन को सीमा के जीवित रहने की संभावना नहीं दिखी। इसके बाद बिलोई की सहायता से सीमा को निकालना शुरू किया गया, लेकिन पानी के ऊपर घास में ही बिलोई का हुक अटक रहा था।

 

इस पर ग्रामीणों ने अपने जुगाड़ से सीमा को निकालने के प्रयास शुरू किए। इससे पहले रात 12.25 बजे अजमेर से एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। इधर, प्रशासन ने सीमा को निकालने के लिए रात 7:30 बजे नौ जेसीबी मशीनों से खुदाई शुरू कर दी थी। मौके पर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, एडीएम द्वितीय महिपाल भारद्वाज, एसडीएम हेतराम, एसपी रूरल राहुल बाहरठ, ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा और भोपालगढ़ विधायक पहुंच गए हैं। 

 

30 फीट बाद ही आई चट्टान, जोधपुर से मंगवाया कंप्रेशर 
एसडीएम ने बताया कि 30 फीट खुदाई के बाद चट्टान आ गई। इससे खुदाई का काम धीमा हो गया। इसलिए जोधपुर से कंप्रेसर और भोपालगढ़ से एनएनटी मंगवाया गया। 

 

कैमरे में सिर्फ 100 फीट तक का ही नजर आ रहा 
प्रशासन ने जो कैमरा बोरवेल में सीमा की मूवमेंट देखने के लिए डाला है, उसकी रेंज कम है। अफसर सिर्फ 100 फीट की गहराई तक ही देख पा रहे हैं। इस कैमरे से सीमा की सिर्फ आकृति नजर आ रही है। कोई मूवमेंट अफसर देख नहीं पा रहे हैं। 


पाइप से पहुंचाई ऑक्सीजन 
सीमा के गिरने की सूचना के करीब 1 घंटे बाद मौके पर प्रशासन की टीम पहुंची। सबसे पहले सीमा को 236 गहरे बोरवेल में सांस लेने में दिक्कत आए इसलिए पाइप के जरिये ऑक्सीजन पहुंचाई गई।

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