CNG Car Tips: देश में पेट्रोल कारों के साथ साथ CNG कारों की डिमांड भी काफी बढ़ रही है। अब ज्यादातर लोग बेहतर माइलेज के चलते CNG कारों का ही चयन कर रहे हैं। कंपनी फिटेड CNG कारों को वाहन निर्माता कंपनियां सभी मानकों पर परीक्षण करने के बाद ही उन्हें बाजार में उतारती हैं। लेकिन बाजार से खरीद कर CNG किट लगवाना काफी नुकसानदेह है। इसके अलावा सीएनजी कारों के प्रति खासी सावधानी की भी जरूरत होती है नहीं तो कभी भी हादसा हो सकता है। तो आइये जानते हैं वो 5 खास बातें जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।

समय पर सर्विसिंग: यदि आपकी CNG कार की सर्विसिंग 15,000 किलोमीटर के लिए ड्यू है तो ये जरूरी नहीं कि आप उसी वक्त सर्विसिंग करवाएं। जानकारों के अनुसार 12,000 किलोमीटर होते ही आपको सर्विसिंग करवा लेनी चाहिएं। क्योंकि फिल्टर, इंजन आयल और कूलेंट जैसे पार्टस का हर वक्त बेहतर कंडीशन में रहना बेहद जरूरी होता है।

CNG ट्यूनिंग: हमेशा कंपनी फिटेड CNG कारों का ही प्रयोग करें। इसके अलावा समय समय पर आधिकारिक सर्विस सेंटर से अपनी CNG की ट्यूनिंग भी करवाते रहें। कभी भी राह चलते मैकेनिक से अपनी कार को सर्विस न करवाएं।

स्पॉर्क प्लग: सामान्य तौर पर पेट्रोल कारों के मुकाबले CNG कारों का स्पॉर्क प्लग जल्दी खराब होता है। इसके दो तरीके हैं या तो आप खासकर सीएनजी के लिए बनाए गए स्पॉर्क प्लग का प्रयोग करें जिसकी कीमत तकरीबन 150 रुपये से लेकर 200 रुपये तक होती है। या फिर स्पॉर्क प्लग के मैटेलिक टिप के गैप को कम रखें जिससे ये लंबे समय तक चलेगा।

वाल्व बदलें: जब आप CNG स्टेशन पर गैस भरवाते हैं उस वक्त सीएनजी वॉल्व के माध्यम से ही सिलिंडर में गैस भरी जाती है। ऐसा बार बार करने से वॉल्व ढीला होता जाता है और गैप भी बढ़ता है। ऐसे में आपको वॉल्व के प्रति खासी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। हमेशा वाल्व को चेक करें और जरूरी लगे तो तत्काल वॉल्व को बदलें। इससे आप लीकेज की समस्या से भी निजात पाएंगे।

खाली टैंक कभी न करें ड्राइव: यदि आपकी कार का CNG खत्म हो चुका है या फिर लगभग खत्म होने वाला है तो कभी भी ड्राइव करने की कोशिश न करें। क्योंकि खाली टैंक के भीतर प्रेशर बनता है। जिससे वॉल्व के फटने का डर होता है जो कि किसी भी बड़े धमाके का रूप ले सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।