पंजाब में खडूर साहिब लोकसभा सीट पर आज रविवार (19 मई) को मतदान कराया गया. इस सीट पर 19 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल ने बीबी जागिर कौर जिसे बीजेपी का भी समर्थन हासिल है. कांग्रेस ने जगबीर सिंह गिल को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी ने मनजिंदर सिंह सिद्धू को मैदान में उतारा है. मतदान के नतीजे 23 मई को आएंगे.
पंजाब के खडूर साहिब संसदीय सीट पर 64.12% वोटिंग हुई. जबकि पंजाब में ओवरऑल 65.84% मतदान हुआ. लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत 19 मई 2019 को 8 राज्यों (7 राज्य और 1 केंद्रशासित प्रदेश) की 59 सीटों पर मतदान कराया गया. खडूर साहिब संसदीय सीट पर आज ही वोट डाले जा रहे हैं और पंजाब में 10 बजे तक 10.01% मतदान हो चुका है.
2014 का जनादेश
खडूर साहिब लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई. यह क्षेत्र तरनतारन जिले का हिस्सा है. खडूर साहिब सीट से मौजूदा सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा शिरोमणि अकाली दल को छोड़कर अपनी पार्टी अकाली दल (टकसाली) बना चुके हैं. ऐसे में चुनौती अकाली दल के सामने है.
पिछली लोकसभा में खडूर साहिब लोकसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल (बादल) के उम्मीदवार रणजीत सिंह ने कांग्रेसी उम्मीदवार हरमिंदर सिंह गिल को 1,00,569 वोटों से हराया था, बीजेपी प्रत्याशी को 44.9 फीसद मत शेयर के साथ 4,67,332 वोट और कांग्रेसी उम्मीदवार को 35.2 फीसदी मत शेयर के साथ कुल 3,66,763 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर रहे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बलदीप सिंह को 13.9 फीसदी वोट के साथ कुल 1,44,521 वोट मिले थे.
खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 9 सीटें हैं. परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई 2009 में खडूर साहिब सीट से शिरोमणि अकाली दल के रतन सिंह अजनाला चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. इस चुनाव में रतन सिंह अजनाला ने राणा गुरजीत सिंह को 32,260 वोटों से हराया था. 2014 में खडूर साहिब लोकसभा के अंदर कुल 15,63,409 वोटर्स थे. जिसमें पुरुषों की संख्या 8,17,134 और महिला मतदाताओं की संख्या 7,46,233 थी.
लोकसभा क्षेत्र खडूर साहिब की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो इसके अंदर आने वाले 9 विधानसभा क्षेत्र तरनतारन, खडूर साहिब, पट्टी, खेमकरन, जंडियाला गुरु (सुरक्षित), बाबा बकाला (सुरक्षित), जीरा, सुलतानपुर लोधी और कपूरथला पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है.खडूर साहिब का इतिहास
यह क्षेत्र सिखों का पवित्र स्थल माना जाता है. गुरुद्वारा श्री खडूर साहिब के नाम पर इस क्षेत्र का नाम पड़ा है. इस क्षेत्र में सिखों के आठ गुरुओं ने भ्रमण किया है. इसलिए यहां के गुरुद्वारे को बेहद पवित्र माना जाता है, गुरुनानक देव यहां पांच बार आए और यहां के बीबी भारई घर में ठहरे.
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