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भावनगर लोकसभा सीट: 2014 में रिकॉर्ड वोटों से जीती थीं डॉ भारतीबेन शियाल
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भावनगर लोकसभा सीट: 2014 में रिकॉर्ड वोटों से जीती थीं डॉ भारतीबेन शियाल

इस सीट पर मुख्‍य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है.
इस सीट पर मुख्‍य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है.

2019 के चुनाव में बीजेपी ने उनपर दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया है. कांग्रेस ने इस सीट से मनहरभाई नागजीभाई पटे ...अधिक पढ़ें

    सौराष्ट्र क्षेत्र में पड़ने वाली भावनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. यहां से बीजेपी 1991 से लगातार जीतती आ रही है. लेकिन इस बार मुकाबला आसान नहीं है. भावनगर से बीजेपी की भारतीबेन शियाल मौजूदा सांसद हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उनपर दोबारा भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया है. कांग्रेस ने इस सीट से मनहरभाई नागजीभाई पटेल को उतारा है. कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान मे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है.

    2014 के चुनाव का हाल
    2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की डॉ भारती बेन शियाल ने जीत हासिल
    की थी. उन्होंने कांग्रेस के प्रवीणभाई राठौड़ को 2.95 लाख वोटों के भारी अंतर से शिकस्त दी थी. डॉ भारतीबेन शियाल ने कुल 5 लाख 49 हजार 529 वोट हासिल किए थे. वहीं प्रवीणभाई राठौड़ को सिर्फ 2 लाख 54 हजार 41 वोट मिले थे. डॉ भारतीबेन शियाल आर्युवेदिक डॉक्टर हैं. 2014 में पहली बार सांसद बनने से पहले वो दो बार भावनगर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में वो पहली बार विधायक बनी थीं.

    पिछला चुनाव बीजेपी की भारतीबेन शियाल ने जीता था
    पिछला चुनाव बीजेपी की भारतीबेन शियाल ने जीता था


    भावनगर सीट का राजनीतिक इतिहास
    भावनगर सीट पर पहली बार 1962 में हुए चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के जसवंत मेहता ने जीत हासिल की. 1962 से पहले भावनगर लोकसभा सीट के इलाके गोहिलवाड सीट के अंतर्गत आते थे. 1967 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के डॉ जिवराज मेहता जीते. इसके बाद के लगातार तीन चुनाव प्रसन्नभाई मेहता ने जीता. 1969 और 1971 के चुनाव में वो कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए और 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर.

    1991 से यहां बीजेपी का कब्‍जा है हालांकि कांग्रेस यहां कड़ी टक्‍कर देती है.
    1991 से यहां बीजेपी का कब्‍जा है हालांकि कांग्रेस यहां कड़ी टक्‍कर देती है.


    इसके बाद लगातार तीन बार इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार जीते. 1991 के चुनाव में पहली बार यहां से बीजेपी को सफलता मिली. महावीर सिंह गोहिल यहां से सांसद चुने गए. तब से लेकर अब तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार है. 1996 से लेकर 2014 तक लगातार 18 साल तक इस सीट से राजेंद्रसिंह राणा सांसद बनते आए. 2014 में भावनगर सीट से भारतीबेन शियाल चुनी गईं.

    भावनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. इनमें तलाजा, भावनगर पूर्व, भावनगर पश्चिम, बोटाड, पालीताना, भावनगर ग्रामीण और गधेड़ा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. गधेड़ा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

    Tags: Bhavnagar S06p15, Gujarat, Gujarat Lok Sabha Constituencies Profile, Lok Sabha Election 2019, Lok Sabha Key Constituency