अभिनेता से नेता बने कमल हासन हिंदू आतंकवाद वाले बयान के बाद निशाने पर हैं, मदुरै में एक जनसभा के दौरान उन पर चप्पल फेंकने की कोशिश कोशिश की गई.मदुरै पुलिस के अनुसार कुछ लोगों ने कमल हासन की जनसभा में हंगामा करने और उनपर चप्पल फेंकने की कोशिश की गई. पुलिस 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
पुलिस के अनुसार, मदुरै के तिरुप्पारनकुंदरम विधानसभा क्षेत्र में कमल हासन के मंच पर भीड़ की ओर से 4 चप्पलें फेंकी गईं, लेकिन गनीमत रही कि वह सभी मंच से दूर रह गईं. स्थानीय पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की. माना जा रहा है कि ये लोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और हनुमान सेना से जुड़े हो सकते हैं. चप्पलें फेंके जाने के बाद जनसभा में कुछ देर के लिए शोर-शराबा मच गया, हालांकि कुछ देर में इसे शांत कर लिया गया और फिर शेष कार्यक्रम बिना किसी व्यवधान के संपन्न हुआ. मदुरै पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पकड़े लोगों की पहचान की जा रही है.
इससे पहले, तमिलनाडु में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के अध्यक्ष कमल हासन ने कहा था कि आजाद हिंदुस्तान का पहला हिंदू आतंकवादी था. यह बात उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के बारे में कही थी. उन्होंने यह टिप्पणी चुनावी सभा के दौरान उस इलाके में की जो मुस्लिम बाहुल्य वाला था.
उनके इस बयान के बाद बीजेपी प्रवक्ता और वकील अश्विनी उपाध्याय की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी डाली गई थी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कोर्ट का कहना था कि उसे नहीं लगता कि ये याचिका हाइकोर्ट में सुनवाई के योग्य है या उनके कार्य क्षेत्र से जुड़ी हुई है. याचिका में कहा गया था कि धार्मिक आधार पर वोट हासिल करने के लिए दिए जाने वाले भाषणों पर चुनावों के दौरान रोक लगाई जानी चाहिए. इसके अलावा याचिका में खासतौर से चुनावी लाभ के लिए धर्म के दुरुपयोग को लेकर दलों का पंजीकरण रद्द करने और प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने तक की भी मांग की गई थी. कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.
इसके अलावा कमल हासन पर 'हिंदू आतंकवादी' वाले बयान पर केस दर्ज कराया गया. हासन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (ए) और 295 (ए) के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है. उन पर हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप है.
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