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Hindi News ›   Columns ›   Opinion ›   Sufi become Talibani: There is a long history of suicide attacks in Mazaras and mosques

सूफी का तालिबानी बन जाना: मजारों, मस्जिदों में आत्मघाती हमलों का लंबा इतिहास है

r vikram singh आर विक्रम सिंह
Updated Tue, 14 May 2019 07:31 AM IST

लाहौर में सूफी संत सैयद अली बिन उस्मान की दरगाह पर हुआ हमला पाकिस्तान में चल रहे वहाबी तालिबानी वर्चस्व की जंग की ही एक कड़ी है। वहां सूफी शिया मजारों, मस्जिदों में आत्मघाती हमलों का लंबा इतिहास है। हमले और भी होंगे, क्योंकि पकिस्तान को पूरी तरह कट्टर इस्लामी मुल्क बनाने का लक्ष्य अभी बाकी है। कट्टर वहाबी-सलाफी इस्लाम में पीरों, दरगाहों की जगह नहीं है।


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