दिल्ली के साथ यूपी के नोएडा के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, जेवर तक चलेगी मेट्रो
कमाई के लिहाज से घाटे का सौदा होने के बावजूद दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने जेवर एयरपोर्ट मेट्रो के लिए संस्तुति की है।
नोएडा, जेएनएन। कमाई के लिहाज से घाटे का सौदा होने के बावजूद दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट मेट्रो के लिए संस्तुति की है। जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा से कनेक्टिविटी देने के साथ ही इस क्षेत्र में रहने वालों की परिवहन की जरूरत को देखते हुए डीएमआरसी ने मेट्रो संचालन की संस्तुति के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंपी है।
जेवर एयरपोर्ट मेट्रो पर ट्रैफिक कम होने का अनुमान
हालांकि प्राधिकरण डीएमआरसी द्वारा मेट्रो को मिलने वाले यात्रियों को लेकर लगाए गए अनुमान से सहमत नहीं है। प्राधिकरण ने प्राइस वॉटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) की उस रिपोर्ट के आधार पर जेवर एयरपोर्ट मेट्रो के ट्रैफिक का आकलन कर रिपोर्ट मांगी है, जिसमें जेवर एयरपोर्ट के लिए शुरुआत से पचास लाख यात्रियों का अनुमान लगाया गया है। डीएमआरसी की रिपोर्ट के अनुसार जेवर एयरपोर्ट मेट्रो को प्रतिदिन 82 हजार यात्री मिलने का अनुमान लगाया गया है। मेट्रो संचालन के लिहाज से यह संख्या काफी कम है।
फिजिबल नहीं फिर भी चलेगी मेट्रो
मेट्रो परियोजना के लिए 14 फीसद या इससे अधिक ईआइआरआर (इकॉनामिक इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न) जरूरी है, ताकि मेट्रो निर्माण एवं संचालन में आने वाली लागत की वसूली हो सके। जेवर एयरपोर्ट मेट्रो के लिए यह महज 4.3 है, इसलिए डीएमआरसी का कहना है कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो फिलहाल फिजिबल नहीं है, लेकिन जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए इस रूट पर मेट्रो का संचालन होना चाहिए। डीएमआरसी ने मेट्रो का निर्माण राज्य सरकार की फंडिंग से कराने का सुझाव दिया है। 2019 की दरों के हिसाब से मेट्रो के निर्माण पर 5708 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है, जबकि 2025 तक यह रकम बढ़कर 6969 करोड़ रुपये हो जाएगी।
मांगी गई है ट्रैफिक रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो का कुल रूट ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क दो से जेवर एयरपोर्ट टर्मिनल तक 35.6 किमी है। इसमें 32.7 किमी एलिवेटेड व 3.37 किमी भूमिगत होगा। इस रूट पर 25 स्टेशन चिन्हित किए गए हैं। इसमें एक भूमिगत स्टेशन शामिल है। लेकिन यमुना प्राधिकरण यात्रियों को लेकर डीएमआरसी के अनुमान से सहमत नहीं है। प्राधिकरण का कहना है कि रिपोर्ट में यमुना प्राधिकरण के सेक्टरों की आबादी को शामिल नहीं किया गया है। प्राधिकरण सेक्टर 18-20 में दस हजार से अधिक आवासीय भूखंड पर आवंटियों को कब्जा दे चुका है। इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट के लिए तैयार पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में पश्चिम उत्तर प्रदेश से भी यात्रियों का आकलन किया गया है, जो एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए मेट्रो का उपयोग करेंगे। इसे भी मेट्रो के ट्रैफिक में शामिल नहीं किया गया है। इन सभी पहलुओं को देखते हुए ट्रैफिक रिपोर्ट मांगी गई है।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, ‘जेवर एयरपोर्ट मेट्रो का निर्माण जेवर एयरपोर्ट के साथ-साथ कराने की योजना है। एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की शुरुआत के साथ मेट्रो की कनेक्टिविटी मिल सके। डीएमआरसी से पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के आधार पर ट्रैफिक रिपोर्ट मांगी गई है।‘
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