हमारे बीच सबसे तेजी से बढ़ती बीमारी का नाम, जीवन के प्रति गहरी निराशा है. यह निराशा जब मन के तट छोड़कर आत्मा तक पहुंचने लगती है, तो यह धीरे-धीरे जीवन पर भारी पड़ने लगती है. पिछले कुछ समय में हमारे अखबार मशहूर उद्योगपति वीजी सिद्धार्थ, क्रिकेटर वीबी चंद्रशेखर से लेकर देशभर में ऐसी अनेक हस्तियों के जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण का गवाह रहे. आत्महत्या हमारे समाज में पहले कभी-कभी सुनाई देने वाली खबर थी. पिछले दस बरस में जिस तेजी से बढ़ रही है, वह हमारे लिए अनेक खतरों की पूर्व सूचना है.
समाज में उदाहरण 'ऊपर' से नीचे की ओर यात्रा करते हैं. नीचे से 'ऊपर' की ओर नहीं. इसलिए ऐसे व्यक्तियों का जीवन अंत चुनने का निर्णय और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, जो कहीं ना कहीं हमारे अवचेतन में गहरी छाप छोड़ने वाले हैं. मीडिया और सामाजिक चिंतक अभी भी आत्महत्या के आर्थिक पहलू को बहुत अधिक महत्व दे रहे हैं.
संभव है, यह तर्क आपको महत्व का न लगे, फिर भी धैर्य रखें. हमें जीवन के तनाव को बहुत छोटी-छोटी चीजों में उतरकर समझना है. छोटी-छोटी बूंदें ही नदी में बाढ़ का कारण बनती हैं, हमेशा बादल फटने से बाढ़ नहीं आती! जीवन का सुख मन के उन भावों में छुपा है, जिनकी हम निरंतर उपेक्षा करते हैं! यह बात 'डियर जिंदगी' जीवन संवाद के पाठकों से मिल रही सतत प्रक्रिया, विभिन्न शहरों मेंं होने वाले संवाद के आधार पर कही जा रही है. पिछले एक-डेढ़ दशक में भारत के विभिन्न शहरों में लोगों के साथ मिलने, जीवन के विभिन्न तत्वों पर उनसे चर्चा, निरंतर शोध, अध्ययन के ठोस निष्कर्ष मुझे कहने की अनुमति देते हैं कि
आत्महत्या मन के भीतर बैठी उस गहरी बर्फ की परत की तरह है, जिसकी एक झलक ही बाहर दिखती है! आपको टाइटैनिक याद है ना. विशाल जहाज, इसलिए डूबा, क्योंकि समंदर की कोख में बैठे बर्फ के पहाड़ को वह टीला समझ बैठा. उसके आकार का सही अंदाजा उस समय के सबसे अनुभवी विशेषज्ञ, इंजीनियर, उपलब्ध सबसे उन्नत तकनीकी भी नहीं लगा सकी थी.यही आज हम तनाव, उदासी, घुटन के साथ कर रहे हैं. मनुष्य, मनुष्यता और जीवन के हित में इसे बदलना होगा. अपने आसपास जहां कहीं भी हमें उदासी की छाया दिखे, उसके प्रति सजग हो जाइए.
DayashankarMi Techingofsantrampal संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में एक ऐसा दहेज रहित, नशा मुक्त कुरीतियों को दूर करके भारत में ही नहीं पूरे विश्व में अपना नियम लागू करेंगे! और जो हमारे शास्त्रों में प्रमाण है। इससे हर इंसान को सुख शांति मिलती है। देखें साधना चैनल पर सत्संग 7:30 PM
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