उतार दिया है। ये नर्सिंग सहायक सेना के कोविड केयर सेंटरों पर तैनात किए गए है ताकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में नर्सों की कमी को दूर किया जा सके। सेना ने सुझाव दिया है कि इस मॉडल का पालन राज्य सरकारें और अस्पताल भी कर सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
लेफ्टिनेंट जनरल कानितकर ने कहा कि बीएफएनए युवा स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षित कर सकते हैं ताकि प्रशिक्षित नर्सों के ऊपर से काम का बोझ हल्का किया जा सके। ऐसे में प्रशिक्षित नर्सों को महामारी के खिलाफ लड़ाई में ज्यादा अहम कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सैन्य बल अपने कर्मियों और संसाधनों का इस्तेमाल करके संकट के समय जरूरतमंदों की सहायता करने में राज्य प्रशासन की भी मदद कर रहे हैं। हालांकि, परीक्षा की इस घड़ी में और ज्यादा मेहनत की आवश्यकता है, इसलिये राज्य सरकारों की मदद के लिए समाज से और ज्यादा स्वयंसेवकों के आगे आने की जरूरत है।
लेफ्टिनेंट जनरल कानितकर ने कहा कि बीएफएनए युवा स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षित कर सकते हैं ताकि प्रशिक्षित नर्सों के ऊपर से काम का बोझ हल्का किया जा सके। ऐसे में प्रशिक्षित नर्सों को महामारी के खिलाफ लड़ाई में ज्यादा अहम कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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