किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में मंगलवार को हुई हिंसा के बाद आंदोलन के जारी रहने पर ही सवाल उठने लगे हैं। हिंसा के 24 घंटे के भीतर दिल्ली के गाजीपुर और नोएडा बॉर्डर पर बैठे 2 किसान संगठनों ने अपना आंदोलन जारी नहीं रखने का फैसला किया है। इस बीच अगर ऐसा हुआ तो तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से बैठे किसानों के लिए बड़ा झटका साबित होगा।
दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया ने बुधवार को कहा कि किसी भी स्तर पर इस बात को सहन नहीं किया जा सकता है कि लालकिले पर तिरंगे की जगह कोई और झंडा दिखाई दे। देश की एकता और अखंडता को इस प्रकार से किसी को भी तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। देश की आन, बान और शान तिरंगे की जगह ना आज तक किसी अन्य झंडे ने ली और ना ही ले सकता है।दहिया खाप के प्रधान यह भी कहा कि सबसे पहले तो वे सरकार ये मांग करते हैं कि जब जीएसटी कानून में अब तक एक दर्जन से ज्यादा संशोधन किए जा चुके हैं तो कृषि कानून में भी जरूरत के...
bhai ji ap theek kah rahe ho apna samarthan vapis lo lal kile par dushra jhanda bardast nahi.
ये वीडियो भी दिखा दें दहिया और राठी खाप
राष्ट्र हित और स्व हित में टक्कर।
Dilsedesh
उनको दिखाया जाए ये वीडियो
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