भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में अब मंदिर बनेगा, मस्जिद भी बनेगी। दोनों समुदाय इसमें एक-दूसरे का तथा अन्य का भी सहयोग लेंगे। यह प्राचीन भारत की ‘स्वीकार्यता की संस्कृति’ का ही परिणाम था कि अयोध्या प्रकरण में पक्ष तथा विपक्ष दोनों ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आने के पहले ही उसे स्वीकार करने को तैयार थे और उन्होंने ऐसा किया भी।
बहुधर्मी देश भारत में मत-मतांतर को लेकर समस्याएं आती रहती हैं। बावजूद इसके हमारे दैनंदिन सरोकारों में पंथिक भाईचारा भी बखूबी देखने को मिल जाएगा। भारत की प्राचीन संस्कृति में ‘एकं सत विप्र: बहुधा वदंति:’ एक अत्यंत गहन दर्शन का प्रकटीकरण है। यह हर प्रकार की पंथिक विविधता को पूर्णरूपेण स्वीकार करता है। यह उन्हें भी त्याज्य नहीं मनाता है जो ईश्वर की उपस्थिति को स्वीकार नहीं करते हैं। प्राचीन भारत की संस्कृति की मजबूत जड़ें अपनी वैश्विकता के लिए जानी जाती रही हैं।इसी कारण धीरे-धीरे भारत की बहुलवादी...
सेक्युलरिज्म के नाम पर शिक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया गया और नई पीढ़ी को प्राचीन भारत की सभ्यता, दर्शन और साहित्य से पूरी तरह अपरिचित रखा गया। सभी मानते हैं कि भारत को समझने में सबसे अधिक सहायक रामायण और महाभारत ही होते हैं। वामपंथियों ने अपने विदेशी आकाओं का अंधानुकरण करते हुए रामायण और महाभारत को स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम से ही बाहर कर दिया।गीता के नीति-श्लोक निकाल दिए जो कुछ चरित्र निर्माण में सहायक हो सकता था, सर्व-धर्म समादर बढ़ा सकता था, पर वह क्षुद्र राजनीति का शिकार बन गया। नतीजतन आज हर...
jsrtweet सराहनीय कार्य
jsrtweet शिक्षा के प्रत्येक पायदान की शुरुआत पूर्णमद: पूर्णमिदं से होनी चाहिए।
jsrtweet यदि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा, रामायण,महाभारत,गीता,सूरदास, कबीरदास,तुलसीदास,मीराबाई,चाणक्य, विदुर नीति तथा अन्य ऐतिहासिक चरित्रों के बारे पढ़ाया जाए तो बच्चों का चारित्रिक विकास भी होगा और राष्ट्रीयता,समाज के विभिन्न वर्गों में परस्पर सद्भाव व सम्मान की भावना बढेगी।
jsrtweet जाने क्यों वामपंथी इतिहासकारों व शिक्षाविदों के प्रभाव में आकर भारतीय शिक्षा पाठ्यक्रम व सिलेबस से रामायण व गीता के नीति श्लोक बाहर कर दिए गए। शायद इसी कारण आज देश व समाज में नैतिकता व सदगुणों का अभाव है तथा लोग अनैतिक कार्य जैसे रिश्वत, भ्रष्टाचार, चोरी, धोखेबाजी में लिप्त है।
jsrtweet सभी लोग 14 वर्ष के लिए वन जाने के लिए तैयार हो जाएं साथ में एक पत्नी और भाई भी ढूंढ लें।
jsrtweet जरूरी है इससे बच्चो में नैतिक आचरण की सीख मिलेगी
jsrtweet Always Shri Ram inspires every Indian.
jsrtweet प्रभु श्री राम का चरित्र पाठ्यक्रम में जरूर शामिल होना चाहिए क्योंकि आने वाला पीढ़ी एक अच्छे राम राज्य की स्थापना कर सके।
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