सुप्रीम कोर्ट का आदेश- प्रवासी मजदूरों से बसों-ट्रेनों का किराया न लिया जाए, सफर शुरू करने से पहले राज्य उन्हें खाना मुहैया कराएं

  • 📰 Dainik Bhaskar
  • ⏱ Reading Time:
  • 70 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 31%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

लॉकडाउन / प्रवासियों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सरकार ने कहा- अब तक 91 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया Lockdown4 MigrantWorkers LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia

ये तस्वीर पटना के दानापुर रेलवे स्टेशन की है, जहां पुलिस मुंबई से लौटे प्रवासियों की समस्याएं सुन रही है।ये तस्वीर पटना के दानापुर रेलवे स्टेशन की है, जहां पुलिस मुंबई से लौटे प्रवासियों की समस्याएं सुन रही है।

कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में घर लौट रहे मजदूरों की दिक्कतों पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 27 दिन में 91 लाख लोगों को घर पहुंचाया; कोर्ट ने पूछा- क्या उन्हें भरपेट खाना खिलाया?कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में प्रवासियों को हो रही दिक्कतों के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बसों और ट्रेनों से सफर करने वाले प्रवासी मजदूरों से कोई किराया ना लिया जाए और राज्य सरकारों को ही यह खर्च उठाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को राज्य सरकारें तब तक खाना दें, जब तक वे अपने घर जाने के लिए बसों या ट्रेनों पर सवार नहीं हो...

इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकारों से को-ऑर्डिनेट कर प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेनों और बसों से उनके राज्यों में पहुंचाया जा रहा है। 1 मई से 27 मई तक 91 लाख मजदूरों को घर पहुंचा दिया गया। लेकिन, कोर्ट ने पूछा- क्या यात्रा में उन्हें भरपेट खाना खिलाया गया?सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या प्रवासियों से किसी भी स्तर पर टिकट के पैसे मांगे गए? सवाल ये है कि राज्य सरकारें टिकटों के पैसे कैसे चुका रही हैं। अगर प्रवासियों से पैसे ले रहे हैं तो क्या उन्हें...

जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स और मजदूरों की बदहाली पर मिल रही चिट्ठियों के आधार पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा था कि पैदल घर लौट रहे प्रवासियों के लिए रास्ते में खाने-पीने के इंतजाम नहीं होने की शिकायतें मिल रही हैं।

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia राहुल उर्फ़ अचलाराम मेघवाल , निवासी ग्राम - तनावडा , तहसील - लूणी , जोधपुर के साथ मार पीट के बाद हत्या मुकदमा Sc / st एक्ट व धारा 307 में दर्ज होने के बावजूद आरोपी खुले घूम रहे हैं,आखिर सरकार व पुलिस प्रशासन जवाबदेही क्यों नही है? justicforrahul RajCMO aajtak ABPNews

LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia राहुल उर्फ़ अचलाराम मेघवाल , निवासी ग्राम - तनावडा , तहसील - लूणी , जोधपुर के साथ मार पीट के बाद हत्या मुकदमा Sc / st एक्ट व धारा 307 में दर्ज होने के बावजूद आरोपी खुले घूम रहे हैं,आखिर सरकार व पुलिस प्रशासन जवाबदेही क्यों नही है? justicforrahul RajCMO aajtak ABPNews

LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia राहुल उर्फ़ अचलाराम मेघवाल , निवासी ग्राम - तनावडा , तहसील - लूणी , जोधपुर के साथ मार पीट के बाद हत्या मुकदमा Sc / st एक्ट व धारा 307 में दर्ज होने के बावजूद आरोपी खुले घूम रहे हैं,आखिर सरकार व पुलिस प्रशासन जवाबदेही क्यों नही है? justicforrahul RajCMO aajtak ABPNews

LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia राहुल उर्फ़ अचलाराम मेघवाल , निवासी ग्राम - तनावडा , तहसील - लूणी , जोधपुर के साथ मार पीट के बाद हत्या मुकदमा Sc / st एक्ट व धारा 307 में दर्ज होने के बावजूद आरोपी खुले घूम रहे हैं,आखिर सरकार व पुलिस प्रशासन जवाबदेही क्यों

LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia Fsiknai main sarkar ka jawab nahin

LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia राहुल उर्फ़ अचलाराम मेघवाल , निवासी ग्राम - तनावडा , तहसील - लूणी , जोधपुर के साथ मार पीट के बाद हत्या मुकदमा Sc / st एक्ट व धारा 307 में दर्ज होने के बावजूद आरोपी खुले घूम रहे हैं,आखिर सरकार व पुलिस प्रशासन जवाबदेही क्यों नही है? justicforrahul RajCMO aajtak ABPNews

LabourMinistry HMOIndia AmitShah PMOIndia जिन लोगो ने भारत माता की जय कभी नही बोला वे लोग भारत माता की संतान के आंसू पोछने की बात करते है और यही लोग प्रवासी श्रमिको के हालात पर घड़ियाली आँसू भी बहाये जा रहे है जबकि इन्ही लोगो की सरकारों ने प्रवासियों को दर दर भटकने पर मजबूर किया है और ये लोग सिर्फ राजनीति कर रहे है ।

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 19. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

लॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञानलॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान Lockdown4 Supremecourt ShramikSpecialTrain coronavirus देश की अदाल सुप्रीम कोर्ट को बहुत-बहुत धन्यवाद कम से कम खबर तो ली Iss samay bhi bjp congress politics kar rhi hai Dev_Fadnavis uddhavthackeray RahulGandhi narendramodi desh k liye nhi sochenge apni rajniti chamkaye wah re mere desh k neta.sharm karo ab bhi. मीलॉर्ड को यहाँ सरकार को सुझाव देने चाहिए, आलोचना नहीं
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिनों का अनिवार्य पृथकवास खत्म करने पर मांगा जवाबसुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिनों का अनिवार्य पृथकवास खत्म करने पर मांगा जवाब Quarantine SupremeCourt MoHFW_INDIA drharshvardhan MoHFW_INDIA drharshvardhan फार्मासिस्ट बेरोजगार। अनपढ़ करें उपचार।। जय हिंद जय हिंद की सरकार। कैसी तेरी नीति कैसा तेरा विचार।। myogiadityanath drharshvardhan MhfwGoUP ravishndtv Aamitabh2 Save_Pharmacist_Right उपकेंद्र_पर_फार्मासिस्ट_की_नियुक्ति_करे_सरकार फार्मासिस्ट_भी_है_कैडर_का_हक़दार MoHFW_INDIA drharshvardhan जून ओर जुलाई में रेल,मेट्रो,बस,स्कूल,कॉलेज, कोचिंग सेंटर,शॉपिंग मॉल,सिनेमा,होटल,रेस्टोरेंट आदि सभी भीड़ भाड़ वाली जगह को बंद रखा जाए।साथ ही जून-जुलाई में सख्ताई ओर बढ़ाई जाए। उसके बाद अगस्त से धीरे धीरे सब कुछ खोलना आरम्भ किया जाए। देश_हित_मे_एक_कदम , MoHFW_INDIA drharshvardhan Judiciary, until collesium system is ended we can't expect new heights from them. Court denied on providing free testing and treatment to all Indians and also dismissed the decision for companies to not to deduct the salaries of their employees. Now they can
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्यों खत्म की क्वारंटाइन की अनिवार्यतासुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 की पहली कतार के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन के पृथकवास की अनिवार्यता खत्म करने संबंधी नई व्यवस्था पर केन्द्र से जवाब मांगा है CoronavirusCrisis
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »

सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर सुनवाई, सरकार ने कहा- हमने चलाईं ट्रेनेंसुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर सुनवाई जारी, सरकार ने कहा- हमने चलाईं ट्रेनें MigrantWorkers SupremeCourt SC se umid karna baimani hai...SC judge sahab log ranjan gogai se kafi inspire ho gaya hai. पहले लॉक डाउन के टाइम में सरकार ने सही कदम उठाया होते तो मजदूरों को बेहाल नहीं होना पड़ता। बहुत से लोग जो मरे हैं वह बच जाते।
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

lockdown migrant workers news: प्रवासी मजूदरों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई LIVE UPDATESIndia News: SC hearing today: सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों पर सुनवाई पर केंद्र से कई तीखे सवाल पूछे। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा था। केंद्र ने कहा कि अबतक करीब 1 करोड़ मजदूर घर जा चुके हैं। पैदल जाने वाले मजदूर अवसाद के कारण ऐसा कर रहे हैं। The state government should also provide the provision of food to the migrant along with the fare. UN UNHumanRights cnnbrk UNGeneva UN_PGA
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »

सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं मेधा पाटकर, प्रवासी मजदूरों का उठाया मुद्दायाचिका में ट्रेनों के प्रावधान के लिए राज्य की सहमति पर निर्भर नहीं रहने का भी अनुरोध किया गया है. याचिका में पैदल वापस लौट रहे प्रवासियों के लिए आश्रय गृहों और भोजन के इंतजाम की मांग की गई है. साथ ही प्रवासी श्रमिकों को वित्तीय सहायता और लॉकडाउन के बाद रोजगार की योजना के लिए भी कहा गया है. mewatisanjoo अर्बन नक्सलियों की नौटंकी चालू है।।। mewatisanjoo mewatisanjoo जनहित याचिका डालने के बदले , कुछ सेवा ही कर देती, ये अर्बन नक्सल केवल नाटक ही कर सकते है।
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »