सुप्रीम कोर्ट: पटाखों का स्वास्थ्य पर असर दिल्ली वालों से पूछो, पाबंदी के एनजीटी के आदेश में दखल से इनकार

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सुप्रीम कोर्ट: पटाखों का स्वास्थ्य पर असर दिल्ली वालों से पूछो, पाबंदी के एनजीटी के आदेश में दखल से इनकार SupremeCourt Delhi FireCrackers Order Ban Health

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि स्वास्थ्य पर पटाखों के दुष्प्रभावों को मापने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली का कोई भी निवासी इसके प्रभावों से अवगत है, खासकर दिवाली के दौरान जब प्रदूषण का स्तर चरम पर होता है। जस्टिस खानविलकर ने याचिकाकर्ता से कहा, 'क्या आपको यह समझने के लिए आईआईटी की आवश्यकता है कि पटाखों से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है? दिल्ली में रहने वाले किसी से पूछें कि दिवाली के दौरान क्या होता है।'दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी...

कोर्ट ने अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि अगर हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है, तो अधिकारी एक्यूआई के अनुसार पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे सकते हैं। इससे पहले सुनवाई के दौरान पटाखा विक्रेताओं व डीलरों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा ने अदालत को सूचित किया कि कोविड-19 के दौरान पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि प्रतिबंध केवल उन्हीं जगहों पर है जहां हवा की गुणवत्ता खराब है और केवल बिक्री पर प्रतिबंध है न कि बनाने...

कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंध केवल वहीं है जहां गुणवत्ता खराब है। जब हवा की गुणवत्ता मध्यम है तो हरे पटाखों की अनुमति है। अन्य क्षेत्रों में इसकी अनुमति है। नरसिम्हा ने कहा कि बिक्री पर भी प्रतिबंध है। जवाब में अदालत ने कहा कि जहां हवा की गुणवत्ता खराब है, वहां बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने अंततः यह कहते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया कि के एनजीटी के आदेश में कोई स्पष्टीकरण या हस्तक्षेप की आवश्यक नहीं है। बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश में दखल...

कोर्ट ने अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि अगर हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है, तो अधिकारी एक्यूआई के अनुसार पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे सकते हैं। इससे पहले सुनवाई के दौरान पटाखा विक्रेताओं व डीलरों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा ने अदालत को सूचित किया कि कोविड-19 के दौरान पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि प्रतिबंध केवल उन्हीं जगहों पर है जहां हवा की गुणवत्ता खराब है और केवल बिक्री पर प्रतिबंध है न कि बनाने...

कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंध केवल वहीं है जहां गुणवत्ता खराब है। जब हवा की गुणवत्ता मध्यम है तो हरे पटाखों की अनुमति है। अन्य क्षेत्रों में इसकी अनुमति है। नरसिम्हा ने कहा कि बिक्री पर भी प्रतिबंध है। जवाब में अदालत ने कहा कि जहां हवा की गुणवत्ता खराब है, वहां बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने अंततः यह कहते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया कि के एनजीटी के आदेश में कोई स्पष्टीकरण या हस्तक्षेप की आवश्यक नहीं है।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?खबर में और अधिक सुधार...

 

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