सुप्रीम कोर्ट की दो-टूक, हम नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए हैं, पटाखों पर रोक किसी समुदाय के खिलाफ नहीं

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सुप्रीम कोर्ट की दो-टूक, हम नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए हैं, पटाखों पर रोक किसी समुदाय के खिलाफ नहीं SupremeCourt National NationalNews

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि पटाखों पर उसके द्वारा रोक लगाया जाना किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। हम आनंद की आड़ में नागरिकों के अधिकारों के उल्लंघन की इजाजत नहीं दे सकते हैं। सर्वोच्‍च अदालत ने साफ कहा कि वह चाहती है कि उसके आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जाए। जस्टिस एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि हम स्‍पष्‍ट कर देना चाहते हैं कि हम नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए यहां पर मौजूद हैं। अदालत ने पटाखा उत्पादकों से दो-टूक कहा कि आप आनंद करने की आड़ में...

लिए लगाई गई है।शीर्ष अदालत ने कहा कि उन अधिकारियों को कुछ जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए जिन्हें आदेश को जमीनी स्तर पर लागू करने का अधिकार दिया गया है। पटाखे आज भी बाजार में खुलेआम मिल रहे हैं। वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली के लोगों पर क्या बीत रही है यह हर कोई जानता है। इसके साथ ही सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने छह निर्माताओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया। अदालत ने कहा है कि इन पटाखा निर्माताओं को आदेशों का उल्लंघन करने के लिए क्‍यों नहीं दंडित किया जाए।मालूम हो कि पूर्व में सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने पटाखों...

 

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ये नागरिक कौन है मि लॉर्ड? पटाखा जलाने वाला उसमें आता है या नहीं?

24 October को भी रोकना चाहिए था।

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