दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बीते दो माह से दिया जा रहा जो धरना लाखों लोगों की नाक में दम किए हुए है उसके यदि खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं तो इसकी एक वजह न्यायपालिका का अति उदार रवैया भी है। यह घोर निराशाजनक है कि पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने धरना दे रहे लोगों को सड़क खाली करने के स्पष्ट निर्देश देने से इन्कार किया, फिर मामला जब उच्चतम न्यायालय गया तो उसने धरना दे रहे लोगों को समझाने-बुझाने के लिए वार्ताकार नियुक्त कर दिए। ऐसा करके सड़क पर काबिज होकर की जा रही अराजकता को एक तरह से...
क्या अब जहां भी लोग अपनी मांगों को लेकर सड़क या फिर रेल मार्ग पर कब्जा करके बैठ जाएंगे वहां सुप्रीम कोर्ट अपने वार्ताकार भेजेगा? यदि नहीं तो फिर शाहीन बाग के मामले में नई नजीर क्यों? समझना कठिन है कि जब उच्चतम न्यायालय ने यह माना भी और कहा भी कि इस तरह रास्ता रोककर धरना देना अनुचित है तब फिर उसने शाहीन बाग इलाके की नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली उस सड़क को खाली कराने के आदेश देने की जरूरत क्यों नहीं महसूस की जिसका इस्तेमाल प्रतिदिन लाखों लोग करते हैं?इससे दुखद-दयनीय और कुछ नहीं कि मुट्ठी भर लोग...
आखिर जब सुप्रीम कोर्ट अनुचित तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों के पास अपने वार्ताकार नहीं भेजता तब फिर उसने शाहीन बाग में लाखों लोगों को तंग कर रहे प्रदर्शनकारियों के पास अपने वार्ताकार क्यों भेजे? हैरत नहीं कि ये वार्ताकार नाकाम हैं। इस नाकामी की वजह यही है कि धरने पर बैठे लोग एक तो काल्पनिक भय से ग्रस्त हैं और दूसरे, वे तुक एवं तर्क की बात सुनने को तैयार नहीं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह जिद भी पकड़ी है कि पहले उनकी मांग मानी जाए और नागरिकता संशोधन कानून रद किया जाए। क्या यह घोर अराजक व्यवहार...
SUPREME COURT IS ALSO INVOLVED IN 'DALALI' ; SEVERAL INSTANCES TO PROVE IT; ARBITRATION FOR SHAHEEN BAAG JIHADI DEAD NIGHT HEARING PRIVILEGE TO TERRORISTS ANTICIPATORY BAIL TO URBAN NAXALS INVOLVED IN BHIMA KOREGAON CLASH AND MANY MORE... IS IT NOT UNCONSTITUTIONAL? PITIFUL S.C
मुसलमानों से विशेष प्रेम जो होता है इस देश के कानून को, किसी हिन्दू का द्वारा ऐसा आन्दोलन किया गया होता तो अब तक लाठी चार्ज हो जाती।
Sahi he.
यह कोर्ट भी हिंदुस्तान में हिंदुओं का दुश्मन लग रहा है मुझे जरा जरा सी बात पर मुंह अपने पर भी सता संज्ञान लेकर जेल में बंद कर दो खत्म करवा दो पुलिस बल प्रयोग करो और यहां यहां क्या हो रहा है शाहीन बाग का उनका दमाद है
AmitShah CJIofindia narendramodi सौ प्रतिशत वार्ता के लिए भेजना गलत है, वार्ताकार भी वो हैं जो खुद इनके पैरोकार रहे हैं। कोर्ट की समझ पर देश हैरान है। जिस देश का न्यायालय ही अराजकता को प्रोत्साहित करता हो तो वहां गद्दारों की संख्या की थाह पाना मुश्किल है।
🤔🤔🤔
सही कहा ।
sdeo76 सुप्रीम कोठे का धन्यवाद कीजिए कि उसने शाहीन_बाग_की_बिकाऊ_औरतों को कोर्ट परिसर में महफ़िल जमाने का आमंत्रण नहीं दिया।
भारत की एकमात्र संस्था सुप्रीम कोर्ट पर रहा सहा विश्वास भी अब समाप्त हो गया है इसलिए लोग अपने बल पर कुछ अपना भला कर सके तो उन्हें करना चाहिए अन्यथा अब बेसहारा ही समझें। प्राइवेट लोग शूटर टीम स्थापित करें जो मजदूरी पर लोगों की न्याय दिलाने में सहायता कर सकें।
True
Hamare desh ke judiciary system ko sabko pata h jaha accused ko saja milne me bhi 10 saal lag jate h w.r.t nirbhaya case vaha per supreme court se instant decision expect karne befkufi h
sahi kaha
हम देशवासियों की सुप्रीम कोर्ट से यह मांग है कि कोर्ट ने अभी तक जितने मामलों में भी समझौते के लिए कमेटियां गठित की चाहे राममंदिर पर, चाहे अन्य मामलों पर, सुलह कराने में कितनी सफलता प्राप्त हुई कृपया देश की जनता को बताने की कृपा करें । धन्यवाद।
ग़ज़ब है.. सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय समझ से परे है.. केंद्र या राज्य सरकार को निर्देश देने के बजाय जज साहबों में खुद सरकार बनने की लालसा बेहद ख़तरनाक है सरकार के जिम्मे जो काम है वो भी कोर्ट करने लगेगी तो फिर सरकारों का क्या काम ? कोर्ट को ही सरकार भी चला लेनी चाहिए
कही सुप्रीम कोर्ट का दीवानी न्यायालय तो शाहीन बाग की सुनवाई तो नही कर रहा, दीवानी का न्याय जिसकी लाठी उसी को मिलता है,,
सब मजे ले रहे हैं, सरकार नहीं चाहती की धरना ख़तम हो क्योंकि जरा देश को पता चले की अराजकता का माहौल बनाने वाले कौन है। शाहिनबाग_का_भंडाफोड़
क्या ये सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना नही 🤔
सर्वोच्चन्यायाल तो कश्मीर बन्दी पर भी निर्णय नहीं कर रहा?
sdeo76 सू को कार्यकारी शक्तियों को लेकर एक ग़लती की है, अब संविधान की अवहेलना की जाएगी भविष्य के लिए कुछ भी करने का प्रयास किया जाएगा, finish constitution
pawanch82996999 शायद वार्ता के माध्यम से कोर्ट शाहीन बाग का पक्ष जानना चाहता है।
बाकी सब तो ठीक है लेकिन ये दैनिक जागरण वाले क्यों फैसले सुना रहे हैं कि अराजकता है या नहीं? बाकी और भी इससे ज्यादा खतरनाक घटनाएं हो रही है उन पर भी कोई ऐसा लेख क्यों नहीं लिखा। मतलब तुम तो बिकाऊ से भी ज्यादा बिके हुए वाला रवैया अपना रहे हो।
If this road is occopied by hindus, is supreme court gives same decision to and send vartakars,
अब देश सहिन्न बाग में बैठी अोरते चलाएंगी, आे जो आदेश देगी ओही होगा । अब क्या संविधान और न्यालय का अव्हेलना नही हो रहा है। अगर कोई अप्रिये घटनाएं हो जाती हैं, तो उसका जीमेदर कौन होगा।
Bas aajkal SC bhi time pass karne lag gaya hai.😐😐
SC should understand the govt elected for jobs creation and wellfare of citizens and not for time pass on issues like Shaheen baug. Shaheen baug issues are belongs to SC . Not belongs to govt issues. SC should understand? Latho ka buth hatho se nayi manthe
तो क्या,सुप्रीम कोर्ट में भी एक से बढ़कर एक दलाल तथा गद्दार नहीं बैठे हैं?
Agreed 👍
Right
It's judicial failure in hijacked roads unofficially.
सही है सुप्रीम कोर्ट को पता नही क्या हो गया है जब ये केवल अराजकता फैला रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट का भी सम्मान नही कर रहे है ऐसे लोगो पर तुरंत एक्शन हो हो भी सेना द्वारा
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