प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे ने चीनी आक्रामकता के खिलाफ पलटवार करने की भारत की दृढ़ता को जहां रेखांकित किया है वहीं उन्होंने विस्तारवाद का उल्लेख कर पड़ोसी मुल्क को एक स्पष्ट संदेश भी दिया। सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने रविवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि मोदी का दौरा और उनका संबोधन जवानों का मनोबल ऊंचा करने वाला था तथा उनके द्वारा विस्तारवाद का जिक्र करना, शी चिनफिंग के शासन वाले चीन की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा के खिलाफ बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता की भावना का समर्थन...
चिनफिंग सीमाओं के विस्तार में लग गए हैं। उनके इन क्रियाकलापों ने कोरोना के वैश्विक फैलाव को लेकर घिरे चीन से दुनिया का ध्यान हटाकर चीन के अधिनायकवादी रुख के कारण पैदा हुए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी खतरे की ओर करने में मदद की है। चेलानी ने कहा कि शी की महत्वाकांक्षा के चलते कुछ लोग उनकी तुलना आधुनिक इतिहास के अन्य साम्राज्यवादी तानाशाहों से करने लगे हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने हाल ही में कहा कि शी खुद को जोसेफ स्टालीन के उत्तराधिकारी के रूप में देख रहे हैं।...
नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में सामरिक विषयों के प्रोफेसर चेलानी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चीन का नाम लिए बगैर ही उसे स्पष्ट संदेश दे दिया। यह उनके भाषण पर चीन की प्रतिक्रिया से ही विदित है। चेलानी ने कहा कि लद्दाख के दौरे से दो हफ्ते पूर्व हालांकि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में अपने संबोधन से भ्रामक स्थिति पैदा कर दी थी, लेकिन लद्दाख जाकर उन्होंने अपनी इस गलती में सुधार किया।भारत द्वारा हाल ही में 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध सहित कुछ अन्य व्यापारिक प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी फैसलों के...
दुर्भाग्यवश, हांगकांग के मुद्दे पर भारत की ओर से दिया गया बयान बेहद कमजोर रहा। उन्होंने कहा कि चीन ने निवेश की बजाय अपने सामान को भारत में खपाने को ज्यादा तवज्जो दी। भारत के नीति निर्धारकों को यह बात कब समझ आएगी कि चीन को भारत की अत्यधिक जरूरत है, न कि भारत को चीन की। क्या भारत को अमेरिका सहित अन्य सहयोगी देशों पर निर्भर रहना चाहिए, चेलानी ने कहा कि भारत पश्चिम के देशों से कूटनीतिक समर्थन की उम्मीद तो कर सकता है, लेकिन सैन्य समर्थन की नहीं। भारत और अमेरिका सामरिक साझेदार हैं, न कि सैन्य...
Chellaney JO SATH DE WE RISTE JO SANKAT ME SATH DE WE FARISTE SHAKTI HI SHANTI KA SANDESH HAI
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गलवान पर बातचीत के पीछे भी चाल, समय काटना चाहता है चीनः ब्रह्म चेलानीIndia News: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सलाहकार रह चुके प्रोफेसर प्रह्म चेलानी का कहना है कि चीन का आर्थिक और कूटनीतिक हर मोर्चे पर करारा जवाब देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चीन (India China Stand Off) आसानी से यथास्थिति पर लौटने वाला नहीं है। चीनी आक्रामकता की ओर दुनिया का ध्यान केंद्रित रखने के लिए भारत को इस सैन्य गतिरोध को लंबा खींचना चाहिए। वहीं चीन बातचीत के बहाने समय काटकर अपना दावा पक्का करना चाहता है। RavirajSahani5 Jitna Samay Bitega... Bharatiya. Sena k Liye Mushkil Badhegi. Kargil ki Galti Dohrata Bharat. Apni Sarhad Paar Nahi Karenge ka Ek Sandesh Aur Pak Atanki-Sena Snow Scooters k Sath Aakhiri Samay tak Dati rahi..? Bahadur Yuva Shakti ne Apna Balidaan de Jitaya Tha Kargil Indian expansionism is mortalism ✊✊ Kalapani, Lipulek,Limpiyadhura belongs to Nepal🇳🇵 Backoffindia BackOfModi चिन पाकिस्तान नेपाल मिल्के भारतको सबक सिकाना जरुरी हे
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