गुरुवार को कृषी मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर किसानों के लिए बातचीत का रास्ता खोल दिया है. कहा गया है कि सरकार बातचीत करने को तैयार है और तमाम मसलों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. वहीं सरकार की तरफ से ये भी सुझाव दिया गया है कि कुछ छोटे ग्रुप बनाए जा सकते हैं जो कृषि कानूनों के एक-एक क्लॉज पर विस्तार से बातचीत कर सकते हैं. इन ग्रुप में किसान नेताओं को ही शामिल किया जा सकता है.अभी के लिए किसानों द्वारा सरकार के इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया गया है.
अब विपक्ष और किसान सरकार की इस दलील से सहमत नहीं हैं. उनके मुताबिक जो बातचीत का प्रस्ताव अभी दिया जा रहा है, ये कानून बनाने से पहले दिया जाना चाहिए था. किसानों का भी यहीं आरोप है कि सरकार ने कानून बनाने से पहले उनसे राय नहीं ली. इस मुद्दे पर किसान और केंद्र के बीच सीधी टक्कर है क्योंकि सरकार ने दावा किया है कि उनकी तरफ से राज्य सरकारों संग पिछले साल 21 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी. तमाम पार्टियों से तब फीडबैक लिया गया था.
अब किसान आंदोलन जरूर लंबे समय से जारी है, लेकिन देश के कृषि सेक्टर पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस साल रबी सीजन में गेहूं की सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में खरीद हुई है. सिर्फ मई महीने तक सरकार ने 390.68 LMT गेहूं खरीदा है. वहीं कई राज्यों सरकारों के कहने के बाद केंद्र द्वारा नोडल एजेंसियों के जरिए बड़ी मात्रा में दाल की खरीद भी की गई है. 6,91,581.09 MT मूंग, तुअर, मसूर, सोयाबीन खरीदी जा चुकी है.
इसके अलावा अब किसानों को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के जरिए पैसे मिल रहे हैं. सरकार की माने तो पहले बिचौलियों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाता था, किसानों तक पैसे नहीं पहुंचते थे, लेकिन अब डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर की वजह से किसानों को बिचौलियों से मुक्त कर दिया गया है. लेकिन इस सब के बावजूद अभी किसान और सरकार के बीच एक खाई पैदा हो गई है जिसको पाट पाना बड़ी चुनौती है.
Ab chunaav aa rahe hai... To ab andolan to tej hoga hi... Waise aaj tak ka bhi khoob samarthan mil gya h ab to dakait ko.... AAP party ke dalal jo ho aap
Dakait does not want Samadhan Dakait is not Kisan Kisan are not Dakait
Dalal hai kisanon nahi
जब तक कोई नया आंदोलन नहीं आ जाता पुरानी लकीर अपने आप मीट जाये गी
दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर पड़े इनकम टैक्स के छापे के बाद ट्विटर पर उनके फॉलोवर्स की संख्या में भारी इजाफा। पूरी खबर देखने के लिए विडियो अंत तक देखे।
गोदी मीडिया जब तुम हक़ीक़त बोलो और किसान को आतंकी मवाली बोलने वाले लोगों की आलोचना करोगे तो उनको मजबूर होकर किसानो की जायज मांगे माननी पड़ेगी ।
इन्हें किसान बोलकर किसान को अपमान न किया जाये
E kisan hai
मीडिया उनको cover करना बंद करे बस..
बैठे रहो, किसने रोका है ।
अफसोस है सरकार किसानों की भी नही सुन रही।
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