सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति वाले लोग भाजपा में, मोदी देशहित के मामले में अनफिट : मायावती

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सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति वाले लोग भाजपा में हैं लेकिन उनका हिसाब-किताब छिपा हुआ है mayawati Mayawati

पुनः संशोधित बुधवार, 15 मई 2019 मायावती ने कहा कि उनके पास जो कुछ भी है, वह उनके शुभचिंतकों और समाज की ओर से दिया गया है तथा सरकार से कुछ भी नहीं छिपाया गया है। बसपा प्रमुख ने कहा, जितने समय मैं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थी, मोदी उससे अधिक समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उनकी विरासत भाजपा और देश पर काला धब्बा है। वे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी अनफिट थे और अब देश के प्रधानमंत्री के तौर पर भी अनफिट हैं। उन्होंने बुधवार को एक बयान में कहा, मैं चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री...

गौरतलब है कि मंगलवार को बलिया में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, करीब दो दशक से मैं मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर काम कर रहा हूं। यह बुआ-बबुआ मिलकर जितने साल मुख्यमंत्री नहीं रहे, उससे कहीं ज्यादा समय मैं गुजरात का मुख्यमंत्री रहा हूं। मैं इन महामिलावटियों को खुली चुनौती देता हूं। ये लोग दिखा दें कि मैंने कोई बेनामी संपत्ति जमा की है। मैंने गरीब के पैसे लूटने का कोई पाप नहीं किया...

मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए मायावती ने कहा, खुद को पाक-साफ और दूसरों को गलत तथा भ्रष्ट समझना इनकी बीमारी है। देश को पता है कि सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति वाले भ्रष्ट लोग भाजपा में ही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ओबीसी की तरह दिखने के लिए केवल कागजों पर ही ईमानदार हैं। भाजपा और मोदी असल में कुछ और ही हैं लेकिन जनता के समक्ष कुछ और दिखने की कोशिश करते हैं। इनका हिसाब-किताब छिपा रहता है। उन्होंने कहा, अक्सर चुनाव में विरोधी पार्टियां खासकर दलितों व ओबीसी वर्ग के लोगों को गुमराह करती हैं और यह बताना...

उन्होंने कहा, इनकी सरकार विदेश से कालाधन नहीं ला पाई। लोगों का ध्यान बांटने के लिए यह लोग विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं को भ्रष्टाचारी साबित करने में लगे रहे। अब मोदी यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि वे गरीब, फकीर तथा संपत्ति विहीन हैं। देश जानता है कि भाजपा धन्नासेठों द्वारा चलाई जाने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा, बसपा की सरकार ने विकास के मामले में हर स्तर पर उत्तर प्रदेश का नक्शा बदल दिया। लखनऊ की खूबसूरती को जिस तरह चार चांद लगाए गए, उससे यह समझा जा सकता है कि जनहित व देशहित के मामले में...

 

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