दरअसल भारत की जीडीपी में जिन राज्यों की सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी है उनमें सबसे पहले नंबर पर महाराष्ट्र और दूसरे नंबर पर तमिलनाडु और तीसरे नंबर पर गुजरात हैं. इन राज्यों पर कोरोना की बुरी मार पड़ी है, यहां मामले और मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, इसने इन राज्यों की अर्थव्यवस्था की कमर भी तोड़ी है. इसका सीधा असर शनिवार को जारी देश के ताज़ा जीडीपी आंकड़ों में भी देखने को मिला.महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है.
लेकिन कोरोना ने महाराष्ट्र को बुरी तरह प्रभावित किया है. अबतक सबसे ज़्यादा मामले यहीं सामने आए हैं. कोरोना मामलों को नियंत्रित करने के लिए लगाए लॉकडाउन का सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. सब काम धंधे ठप हो गए हैं. फ़िल्म इंडस्ट्री बंद है. आयात निर्यात का काम रुका हुआ है. इस सब से राज्य को बहुत आर्थिक नुक़सान हुआ है.तमिलनाडु का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर काफ़ी विविध है. यहां ऑटोमोबाइल, फ़ार्मा, टेक्सटाइल, चमड़े के उत्पाद, केमिकल समेत कई चीज़ों की बड़ी इंडस्ट्री हैं.
2018-19 में तमिलनाडु का जीएसडीपी यानी ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट $229.7 अरब रहा था. तमिलनाडु देश की दूसरी सबसे ज़्यादा जीडीपी वाला राज्य है. नेशनल लॉजिस्टिक इंडेक्स 2019 के मुताबिक़, देश में लॉजिस्टिक के मामले में गुजरात नंबर वन है. गुजरात में 49 बंदरगाह हैं, जिनमें एक मेजर पोर्ट है और 48 नॉन-मेजर पोर्ट हैं. राज्य में 17 एयरपोर्ट भी हैं, जिनमें एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है.
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर्यटकों के बीच ख़ासी लोकप्रिय है. साल भर यहां ट्रेड फेयर और कन्वेंशन भी होते रहते हैं. यहां आकर्षित रियर स्टेट मार्केट भी है और एग्रोकेमिकल-बेस्ड प्रोडक्ट को लेकर बड़ी संभावनाएं भी. दिल्ली और आसपास के नेशनल कैपिटल रीजन को पशुधन और डायरी प्रोडक्ट के लिए जाना जाता है. यहां की डायरी में हर दिन तीन मीलियन लीटर दूध की क्षमता है.
जो लोग बुरे हालात का फायदा उठाते हैं वहीं लोग सबसे ज्यादा परेशान होते है
इस धरती पर जहां जितना ज्यादा अत्याचार हुआ या अत्याचारी का सहयोग किया है वहां पर उतना ही ज्यादा क्रोना हुआ है
20 लाख करोड़ में मेरा हिस्सा का 14 15 हज़ार तो बनते है मगर मेरा हिस्सा का ले कोन गया
सरकार जान है तो जहाँन है तो कहती पर कोरोना पर मारा यह डायलाग डायलाग ही रह गया मैने इनहैलर सुंघणी का कहा अब आ रहा सरकार जानले जान बचानी तो विश्व में प्रदूषित शहरों में मरे ज्यादा ! सो साफ ,पानी/हवा ;मशीन पर, बयाज मुक्त ऋण दे! जाने बचानी है तो गरीब की!
Abhi toh dekhte jaao aage inn state ko majdoor bhi nahi milega..
५०० करोड़ हजार रुपए दो तो बताऊं
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