श्रीलंकाई में ‘करिश्माई पानी’ से कोरोना वायरस के प्रकोप को समाप्त करने का दावा करने वाले 48 वर्षीय ‘स्वयंभू धर्मगुरु’ एलियान्था व्हाइट की कोविड-19 के चलते मृत्यु हो गई। गुरुवार को परिवार ने उनके मौत की पुष्टि की। परिवार ने बताया कि उन्होंने कोरोना वायरस की वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया था। बता दें कि एलियान्था व्हाइट ने दावा था कि वो अपने ‘दिव्य पानी’ से श्रीलंका और भारत में कोरोना महामारी को समाप्त कर सकते...
आध्यात्मिक उपचारक के रूप में चर्चा में आए एलियान्था व्हाइट ने देश के प्रधानमंत्री सहित खेल के मैदान से जुड़े कई सितारों और शीर्ष राजनेताओं का इलाज किया। वह इस महीने की शुरुआत में कोरोना वायरस की चपेट में आने से बीमार पड़ गए थे और उन्हें इलाज के लिए कोलंबो के अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी हालत अधिक बिगड़ गई, और बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई।
उनके द्वारा करिश्माई पानी से इलाज किए जाने को लेकर श्रीलंका के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री पवित्रा वन्नियाराची ने समर्थन किया था, हालांकि बाद में उन्हें इसके लिए अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा था। फिलहाल वो श्रीलंका सरकार की कैबिनेट में बने रहे। व्हाइट को 2010 में अंतरराष्ट्रीय पटल पर तब चर्चा मिली जब पूर्व भारतीय क्रिकेटरने अपने घुटने के इलाज के लिए सार्वजनिक रूप से उन्हें धन्यवाद दिया। तेंदुलकर ने कहा था कि इससे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दोहरा शतक लगाने में मुझे मदद...
समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक साक्षात्कार में व्हाइट ने दावा किया था कि उनसे पास 12 साल से ही ‘दिव्य शक्तियां’ थीं। फिलहाल कोरोना को समाप करने का दावा करने वाले व्हाइट का अंतिम संस्कार गुरुवार को कोलंबो के मुख्य कब्रिस्तान में कोरोना महामारी प्रोटोकॉल के अनुरूप किया गया। I’m deeply saddened by the sudden passing of Dr. Eliyantha White. My deepest condolences to his friends and family during this difficult time. His legacy will continue to live through all the lives, he touched and healed of various ailments.
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