कोरोना वायरस महासंकट के बीच प्रवासी मजदूरों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिक ट्रेनों में मजदूरों को आ रही परेशानियों के मसले पर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से रेलवे को नोटिस जारी किया गया है.
मानवाधिकार आयोग की ओर से गुजरात, बिहार के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को भी नोटिस देकर जवाब मांगा गया है.गौरतलब है कि बीते दिनों में श्रमिक ट्रेनों के रास्ता भटकने की कई तरह की खबरें आईं हैं, जिसके बाद मजदूरों को लेकर चिंता बढ़ गई है. कई ट्रेनें ऐसी भी हैं, जो एक दिन का सफर चार या पांच दिन में तय कर रही हैं, जिसको लेकर लगातार मीडिया में रिपोर्ट्स छपी थीं.
NHRC notices the Chief Secretaries of Gujarat and Bihar, Chairman, Railway Board and Union Home Secretary on media reports of hardships to labourers on board misdirected special trains, devoid of water, food and basic facilities causing sickness and death. https://t.co/iCT8Kg8O2y — NHRC India May 28, 2020 इसके अलावा ट्रेन में पानी की कमी, भूख और जरूरी सामान की कमी के कारण हो रही श्रमिकों की मौत या बीमारी को लेकर भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी किया है.NHRC की ओर से जारी बयान में कुछ मामलों का जिक्र भी किया गया है, जिसमें मुजफ्फरपुर में हुई दो लोगों की मौत, दानापुर, सासाराम, गया, बेगूसराय और जहानाबाद में एक-एक मौत पर जवाब मांगा गया है.
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संकट के कारण लॉकडाउन लागू है. इसी वजह से करोड़ों प्रवासी मजदूर जहां थे, वहां ही फंस गए. इन्हें उनके गृह राज्य वापस पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. केंद्र के अनुसार, अबतक 3700 ट्रेन चल चुकी हैं और करीब 91 लाख मजदूरों को वापस पहुंचाया जा चुका है.प्रवासी मजदूरों के संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई जारी है.
kamaljitsandhu दोनों सरकारों को पता था कि रास्ते में स्टेशन पर कुछ भी खाने को नहीं मिलेगा लॉक डाउन के कारण इन्हो ने इंतजाम कयो नही किया पहले अच्छी भली प्रकार से ट्रेन चल रही थी तो विपक्ष को पचा नहीं को बोले में किराया दूंगा और कोई कुछ दिया किसी ने नहीं विवाद में जन मजदूरों की चलिगाए
kamaljitsandhu Very good action
kamaljitsandhu लाखों श्रमिकों को भारत दर्शन कराती मोदी सरकार की ये योजना बिना प्रचार प्रसार के बिना क्रेडिट लिए गुपचुप चलाई जा रही है, श्रमिक इस योजना में कई दिन भूखे रहकर आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं, ये उन विरोधियों को करारा जवाब है जो सरकार के प्रचार और इवेंट बनाने को लेकर सवाल उठाते रहते हैं 😯
kamaljitsandhu ये बड़े दुःख और शर्म की बात है की केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर जरूरतमंदो की मदद ठीक से नहीं कर रही है जबकि चुनाव के समय में नेताओं का टारगेट होता है भले ही भाषण देते हुए तबियत खराब हो जाए, गला बैठ जाए फिर भी नेता हर वोटर तक पहुंचने का टारगेट रखते है। India_NHRC
kamaljitsandhu यह जांच का विषय है। आप दावा नहीं कर सकते कि भूख के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
kamaljitsandhu मानवाधिकार को तो हर जिले में सकती आदेश जारी कर देना चाहिए क्योंकि कुछ में कोरोनफोबिया ऐसे चढ़ा की लोग बेचारे प्रवासियों और जो दूसरे जिले से भी आ रहे उनके साथ अलग नजरिये से ट्रीट किया जा रहा है ।
kamaljitsandhu PiyushGoyal PMOIndia This shows IR Non Commitment and Lethargic Approach towards Work. Where are the So Called associations who supports these railway workers for Not doing their Duty. All responsible DRM and Station Masters should be held accountable and Strict Action needed
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