हालांकि कई नेताओं के पार्टी छोड़ने से परेशान तृणमूल कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर यह रही कि जितेंद्र तिवारी ने यू-टर्न लेते हुए पार्टी में बने रहने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि वह टीएमसी में हैं और टीएमसी में ही बने रहेंगे. बंगाल के मंत्री अरुप बिश्वास के साथ मुलाकात के बाद तिवारी ने यू-टर्न लेते हुए फैसला बदला है.
वहीं तृणमूल कांग्रेस, साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष दीप्तांगशु चौधरी से भी बात कर रही है. रिटायर्ड कर्नल दीप्तांगशु चौधरी ने भी पार्टी की सदस्यता और दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने बीजेपी छोड़कर टीएमसी ज्वॉइन की थी. चौधरी को जितेंद्र तिवारी का काफी करीबी माना जाता है. बताया जा रहा है कि चौधरी भी फिर से बीजेपी में वापसी कर सकते हैं.
बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट किया, 'मैं ये इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि कुछ लोग अफवाहों को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि मैंने आसनसोल के टीएमसी नेताओं के साथ अंडर-टेबल डीलिंग की है और अब वे बीजेपी में आने की जुगत में हैं. मैं साफतौर पर बता दूं कि ऐसी किसी भी तरह की डीलिंग करके पार्टी में अपने सहयोगियों के साथ मैं विश्वासघात नहीं करूंगा.' बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी के हमारे साथियों ने आसनसोल से टीएमसी को हराने की लड़ाई लड़ी है.
विधानसभा चुनाव से पहले ही टीएमसी में पिछले काफी दिनों से पार्टी के नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है और अब लगातार इस्तीफे शुरू हो गए हैं. पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी के बाद शीलभद्र दत्ता ने इस्तीफा दिया.ये इस्तीफे ऐसे समय में हो रहे हैं, जब गृह मंत्री अमित शाह 2 दिन के बंगाल दौरे पर शनिवार को पहुंच रहे हैं. शाह दो दिनों तक बंगाल में रहेंगे और इस दौरान वह कई बैठकों में हिस्सा लेंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान कई नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
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