अपनी याचिका में, महिला ने आरोप लगाया कि उसे और उसके परिवार को जान का खतरा बना हुआ है. उसे और उसके परिवार को यूपी पुलिस, मीडिया और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी अपना शिकार समझ रहे हैं. महिला ने कोर्ट से कहा कि उसके धर्मांतरण की वजह से उसे और उसके परिवार को निशाना बनाया जा रहा था और मीडिया में उनके बारे में दुर्भावनापूर्ण बातें दिखाई और छापी जा रही थीं.
महिला का कहना है कि 24 जून को उसने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र भी लिखा, जिसमें सारी दिक्कत और परेशानियों के बारे में बताया गया. उसने पुलिस कमिश्नर से सुरक्षा की मांग करते हुए पत्र में कहा था कि उसे आगे कोई धमकी न दे और उसे जबरदस्ती यूपी वापस न ले जाया जाए.पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अपनी याचिका में महिला ने प्रार्थना करते हुए कहा कि उसे अपना धर्म चुनने के संवैधानिक अधिकार है.
महिला को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 जुलाई तक पुलिस सुरक्षा प्रदान की है. अब उसकी याचिका पर यूपी पुलिस को नोटिस भेजा गया है. इस मामले में हाई कोर्ट को अब यूपी पुलिस के जवाब का ही इंतजार है. इसके बाद अदालत आगे का फैसला लेगी.
nalinisharma_ Yahi umid thi Logo ki basic jarurat chhod kr kya topic chuna ha
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