शशि थरूर के इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर #ShashiTharoor #Hindutva और #Islam ट्रेंड होने लगे.थरूर के ट्वीट के जवाब में आयेशा सिद्दीक़ा ने लिखा,"कौन कहता है कि 'ला इलाहा इल्लल लाह' अतिवाद है. कम से कम वो तो समझने की कोशिश कीजिए कि आम मुसलमान कहता क्या है. अतिवाद से इसका कोई लेना-देना नहीं है.
अजीब हालत है ला इला ह इल लल्लाह । का मतलब है इश्वर के अलावा कोई पूजा के योग्य नहीं है ये वो विचारधारा है जिस पर पूरा इस्लाम खड़ा है फिर ये कट्टरवादी नारा कैसे हो गया
धार्मिक नारे मुनासिब नहीं यह लड़ाई मुल्क बचाने की है न कि एक विशेष धर्म बचाने की और इस लड़ाई में सारे वर्ग के लोग हैं थरूर से इख्तेलाफ़ तो है पर इस मसले पर इनके साथ हैं
jafarali333 लिबरल ऐसि ही गोबर खाते है ... क्यु सेकुलर ? मुसलमान धर्म के नारे नही लगा सकता ?
Shashi tharur ek real indian hai
बिल्कुल सही कहा ShashiTharoor साहब ने ये जन आंदोलन भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान की रक्षा के लिए है, इस आंदोलन में सभी भारतीय शामिल हैं भले ही CAA_NRC मुस्लिमों के खिलाफ हो।
मोदी आते उस इलाके से! जहाँ राजा ने लिखि न्याय नागरिक सम्मान लोकतंत्र राज नजीर!! (~100KM) डोसी माँ झोपड़ी नहीं छोड़ना चाहती थी राजा बोले नागरिक इच्छा सर्वोपरि मलाव तालाब टेढा बना!!!
Mila mula rahega bbbc walo ye jo tum secularism ki bat karte ho na jab tak hindu h other wise bbc ka name bhi 'Mohammad bbc hoga ' khair ye sab bbc ko kya pata Abhi bhi time sudhar jao
लाइलाह इल्लल्लाह अर्थ अल्लाह के अलावा कोई ईश्वर नहीं है व मोहमद इसके संदेशवाहक है अर्थात इस्लाम व अल्लाह के अलावा बाकि मज़हब व ईश्वर की मान्यता ख़त्म इसका उपयोग तब होता था जब मुस्लमान सेना काफिरो पर हमला करती थी या इतनी तादात होे मुसलमानो की ज़बरजस्ती काफिरो को इस्लाम कबूलकरवाले
Wellsaid sirjee ,i agree with u.. Baat bilkul sahi kahi hai Shashi tharoor ne,
हर सच और सही का विरोध होगा ....
बेशक जब लडा़ई देश की है तो कोई धार्मिक नारा नहीं लगना चाहिए। अगर धार्मिक नारा लगाना है तो सर्वधर्म नारा होना चाहिए अब्बल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे। एक नूर तो जग उपजा कौन भले कौन हैं मंदे
मैं सहमत हूँ। जब धर्म के नारे आते है। आंदोलन कमजोर होता है।
Sahi disha may Diya hua ek bayaan hai Hindustan may kisi bhi tarah k ativaad katarpanth k liye jagah nahi honi chaiye
'सभी का खून है इस मिट्टी में' ऐसा तू बोलता है। तो फिर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे सुनकर तेरा खून क्यों नहीं खोलता है. 😠 भारत माता की जय
शशि थरूर ने जो कहा वो सही तो है ऐसे धार्मिक नारे नहीं होने चाहिए फिर चाहे हिंदू हो या मुस्लिम ।
14% में नारा 16% में अतिरिक्त अधिकार 20% अलग राष्ट्र की मांग इससे ज्यादा देश का विभाजन
प्रोटेस्ट करते-करते भावनाओं में बह कर मुंह से कुछ नारे निकल जाते हैं इसमें किसी को बुरा नही मानना चाहिए
There is no need of any Islamic slogan on these protest , those who are raising these slogans are trying to hijack this protest and making this protest a religious protest
इसमें क्या विवाद भी सही बोला था इन्होनें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »