थे।' हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि यह मेरा निजी विचार है और मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहत हूं।बिहार में एनडीए सरकार के सहयोगी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में भगवान वाल्मीकि को श्रद्धांजलि देने के बाद एक बार फिर दोहराया कि भगवान राम एक काल्पनिक चरित्र थे।
हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने कहा कि महाकाव्य रामायण के लेखक महर्षि वाल्मीकि राम से हजारों गुना बड़े थे।' हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि यह मेरा निजी विचार है और मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहत हूं।दिल्ली में बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने 'हम' की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विवादित बयान दिया। इससे पहले पिछले माह सितंबर में मांझी रामायण को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। पटना में मीडिया ने उनसे मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में...
मांझी ने दावा किया कि अनुसूचित जाति के लोगों को नौकरियों और यहां तक कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी 15 से 20 प्रतिशत कोटा लाभ जाली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरों द्वारा हड़प लिया जाता है। ऐसे मामले रुकने चाहिए।बिहार में एनडीए सरकार के सहयोगी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में भगवान वाल्मीकि को श्रद्धांजलि देने के बाद एक बार फिर दोहराया कि भगवान राम एक काल्पनिक चरित्र...
मांझी ने दावा किया कि अनुसूचित जाति के लोगों को नौकरियों और यहां तक कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी 15 से 20 प्रतिशत कोटा लाभ जाली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दूसरों द्वारा हड़प लिया जाता है। ऐसे मामले रुकने चाहिए।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?
तो बाल्मीकी जी भगवान राम को क्यों भगवान मानते थे
इनकी शक्ल ही लड्डू जैसी है तो बयान भी वैसा ही देंगे
He who himself is without profound character, can't even think of an ideal character like ShriRam
Iski buddhi bharst ho gai hai
Mai bhi kalpana kar raha hon ki iss Mai jooton se maar raha hon
हा-हा-हा तो राम जी से पहले वाल्मीकि जी पैदा हुए वह यतार्थ थे? पता नहीं कहाँ कहाँ से आ जाते हैं और नेता बन जाते है।
जीतनराम मांझी जैसे बुद्धि हीन लोगों को राजनीति में जनता कैसे आगे बढ़ा देती है,यह भी विचारणीय है , ऐसे राजनीतिक लोग जब मुंह खोलते हैं मूर्खता ही टपकती है ।
Sometimes I feel that Hindus should adopt Blasphemy Law ! Can this idiot say similar words for Prophet Mohd or Christ?
So he means Balmiki ji portrayed an imaginary character and composed his book Balmiki Ramayana?
मूर्खतापूर्ण बयान मूर्ख लोग ही देते हैं बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं। जनता सब समझती है।
विनाश काले विपरीत बुद्धि,,,, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से पंगा लेने वाला हमेशा गर्त में गया है।
जिसका मन आए जो बोल देता है, कभी किसी को काल्पनिक बता देता है कभी असली। भले किसी को अपनी 4 पीढ़ी पुरानी बाप दादाओं का नाम न याद हो।🧐🤔😀😎
जब श्री राम को काल्पनिक ही कह दिया तो वाल्मीकि जी से उनकी तुलना ही नहीं करनी थी।जब श्री राम काल्पनिक थे तो वाल्मीकि जी ने रामायण क्यों लिखी? यही है माझी जी के ज़ाहिल होने का सबूत ! और ये हमारे देश के नेता हैं और मीडिया इनके कथनों को प्रमुखता से प्रकाशित करता है, कमाल है😃
ये आदमी बुढापे मे सठिया गया है
Bharatdesh ek mahan desh hai aur yahan ka har Insaan yeh samajhta hai ki woh ek nayi srishti ke srijan ki kshamta rakhta hai aur ek nayi srishti ki rachna kar sakta hai. 🤔
कोई बात नही अहोदा चाहे कितना बड़ा हो जाए दिमाग और सोच का दायरा उतना ही रहता है,इससे ये सिद्ध होता है
Ye bhi akhirkar mandbuddhi hi nikla..
उसी कल्पना के राम को लिपिबद्ध कर वाल्मीकि आदिकवि हो गए
इस कुत्ते में इसकी मां के दूध का दम नहीं है एक भी सच्ची बात चिस्लाम के बारे में बोल दे । सुअर कहीं का । वोट पाने के लिए ये कुछ भी .........मतलब कुछ भी ।
कोई तो है जो कम से कम सच बोलने की हिम्मत दिखा रहा है। रीढ़ रीढ़ jitanrmanjhi जी 👏🏽👏🏽👏🏽 सैल्यूट आपको
लो एक और मंदबुद्धि ज्ञान देने आया
जिनके खुद के नाम मे ही पिता ने राम नाम शब्द लगाया है वहीं उनके अस्तित्व पर प्रश्न करता है,,,, असल में यह अपने पिता को ही गलत सिद्ध कर रहे हैं।।।।
पहले तुम अपना नाम बदलो
भगवान राम इन्हें क्षमा करें , इन्हें सुबुद्धि दें ।
यह ओछापन है ! क्या आपको इतना भी ज्ञान नहीं कि श्री राम जी का चरित्र उनके जन्म से पूर्व भगवान ब्रह्मा जी की प्रेरणा से स्वयं भगवान बाल्मीकी जी ने लिखा व चित्रित किया था ! काश माँझी जी ने भगवान बाल्मीकी के बारे में कुछ जाना होता !
इसके माँ बाप ने भी इसका नाम काल्पनिक चरित्र पर ही रख दिया। कितने बकलोल हैं इसके माँ बाप।
जो राम का नहीं ,वो किसी भी काम का नहीं..
सब वामपंथीयों कट्टरपंथीयों और काँग्रेसियों को खुश करने के लिए
कौन सा नशा करते हो? माँ बाप को समझा लेते तो नाम में भी राम का नाम नही होता
बुढ़ापे मै अकसर दिगाग सठिया जाता है!
इनके इस तरह के बातों का प्रकाशन कर इनपर बहुत उपकार हो रहा है ,पटना में तो ये लालायित रहते हैं कि किसी अखबार में इनका नाम छपे
इस बुद्धिहीन से पूँछो की जिन वाल्मीकि जी को यह महान संत बता रहा है उन्हीं ने ही तो राम को यथार्थ बताया है तो ये तो संत वाल्मीकि पर ही अविश्वास कर रहा है। वाल्मीकि समाज को ऐसे मूर्खों को जवाब जरूर देना चाहिए
Isme vivadit kya hai
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