खास बातेंनई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि यह ‘सच नहीं है' कि राज्य में कोविड-19 स्थिति का आकलन करने के लिए तैनात केंद्रीय टीम का सहयोग नहीं किया गया और उसने आश्वासन दिया कि वह लॉकडाउन पर केंद्र सरकार के सभी आदेशों का पालन करेगी. यह आश्वासन तब दिया गया जब केंद्र ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना वायरस के जमीनी हालात का आकलन करने के लिए तैनात केंद्रीय टीम के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया.
International Earth Day पर PM मोदी ने जताया धरती मां का आभार, बोले- कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं की करें जय-जयकार
अब अकल ठिकाने आई मुमताज बैगम
मुसलमान धर्म शांति का धर्म है भाईचारा का धर्म है और मुस्लिम लोग बहुत ही शांति पसंद और ईमान पर जीवन जीने वाले लोग हैं इसलिए कृपया उन्हें बदनाम ना करें गलत चीजों के साथ उन्हें कदापि ना जोड़ें ।
नर्सों पर भद्दी टिप्पणी करने वाले हॉस्पिटल में थूकने वाले शौच करने वाले फल सब्जियों पर थूकने वाले हो सकता है पहले मुसलमान रहे हो लेकिन इतनी गलतियां करने के बाद मुझे नहीं लगता कि उनको मुसलमान कहना चाहिए उनका कोई धर्म नहीं है ऐसे लोगों को राक्षस कह सकते हैं मुसलमान नहीं ।
किसी गलत घटना के ऊपर कोई डिबेट हो आतंकवाद के खिलाफ डिबेट हो तो आप लोग उसे मुस्लिम के खिलाफ बता देते हैं । यह गलत है । तबलीग वाले और फल सब्जियों पर थूकने वाले हॉस्पिटल में शौच करने वाले डॉक्टरों पर हमला करने वाले शहर शहर बम फोड़ने वालो को आप मुसलमान से क्यों जोड़ते हैं ।
आप लोग पालघर की घटना के ऊपर कुछ नहीं बोलते और हम अगर उसके विरोध में आवाज उठाएं अहिंसा के साथ और तबलीकीयो के खिलाफ कुछ बोल दे तो आप लोग उसे मुस्लिम के खिलाफ समझ लेते हैं मुसलमान तो ईमान का धर्म है ।
ममता दीदी, मन मे कुछ जूब़ा पर कुछ से बचने का समय है. इंसान बचना जरूरी है ?
लातों के भूत आखिर बातों से कहां मानते हैं! लात पड़ी और सुधर गये!
करने और बोलने में बहुत फर्क होगा । कर के दिखाना ह । बोलने की जरूरत नही ह
नाटक का पटाक्षेप
जनता के बीच हमेशा घूमते, बचाओ के लिए खुद माइक से बताते रहना, सब्जी मंडी में गोला बना कर सोशल डिस्टेंस मेनटेन करने को प्रेरित करना आदि सबसे अलग है।
Politician can fight anything , difficult to fight CORONA singlehandedly
Hhhhhh हवा निकल गयी इसकी😜😜😜 गृह मंत्री कौन है,क्या चीज़ है, अभी ये जान नहीं पाई है,,,, महबूबा मुफ्ती औकात में आ गई ये क्या मोमता के चीज हैं😜
आया न ऊंट पहाड़ के नीचे।।। ममता दीदी ने सोचा कि बिना केंद्र की सहायता के वह कोरोना से काबू पा लेगी। लेकिन दीदी को यह नहीं पता, यह कोरोना है कोई शारदा स्कैम नहीं जो केंद्र से छुपा लेगी।।।
रवीश कुमार पांडेय और लेफ्ट लिबरल गैंग, फराज जैदी को कोरोना वैक्सीन पर रिसर्च करने वाला वैज्ञानिक बताकर महिमामंडित कर रहे थे। उस इंस्टिट्यूट में पता किया तो बताया गया कि वह वहां केवल मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा है न कि वैज्ञानिक है और वह 7 दिन तक इंस्टिट्यूट में आने वाला भी नही है।
पुंछ सीधी हो गई..............
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