अपने सियासी चाणक्य को गंवा कर दोराहे पर खड़ी कांग्रेस में सवाल खड़ा हो गया है कि अहमद पटेल के बाद पार्टी के चौतरफा संकट को कौन थामेगा? पार्टी में सीनियर और जूनियर नेताओं के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान के बीच हकीकत यह भी है कि फिलहाल कांग्रेस की नई पीढ़ी में ऐसे प्रभावशाली चेहरे दिखाई नहीं दे रहे जो संकटमोचक भी भूमिका निभाने के लिए मुफीद हों। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अभी कुछ समय तक वरिष्ठ नेताओं के अनुभवों पर ही भरोसा करने का विकल्प अपनाना पड़ सकता है। सूत्रों की मानें तो पार्टी...
संकटमोचक की तलाश होगी।कांग्रेस भी इस असलियत से वाकिफ है कि पटेल के बहुआयामी कौशल और प्रतिभा की भरपाई कोई एक नेता नहीं कर सकता है। राहुल के भरोसेमंद संगठन महासचिव की भूमिका निभा रहे केसी वेणुगोपाल की भाषा और संवाद की सीमाएं हैं। हिंदी भाषी प्रदेशों से तो कोई उनका जुड़ाव ही नहीं है। नई पीढ़ी के नेताओं में निष्ठा और क्षमता के हिसाब से राहुल के पास रणदीप सुरजेवाला एक विकल्प है। हालांकि मौजूदा अंदरूनी उथल-पुथल के दौर में वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करना भी आसान नहीं है। ऐसे में अपनी टीम के भरोसेमंद...
Even look like did not worked due to tainted husband in land grab cases of Rajasthan & Hariyana.
INCIndia RahulGandhi 😁😁
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