rajiv tyagi death news sambit patra faces twitter ire for using strong language in last tv debate.
Ye to hona he tha, god is great
जिसने भी रोज राजीव को चर्चा करते सुना है वे जानते है कि इसे सदा आक्रामक रहने की लत लग गयी थी। कुछ न कुछ अंटशंट कहकर प्रतिस्पर्धी को आपाखोने पर विवश करदेना उनकी रणनीति बन गयी थी। इसके दुष्परिणाम खुद पर भी होरहे है यहउन्हें महसूस ही नही हुआ और बढ़ा हुआ रक्तचाप हॄदयाघात में बदल गया!
जिसने जन्माष्टमी पर्व पर बब्बर शेर राजीव त्यागी जी को संबित पात्रा जी के सामने बिना तैय्यारी के टीवी चैनल ड़िबेट में भेज दिया।। उससे पूछताछ कर जांच की जाये।
आज से पहले तो संबित पात्रा के साथ डिबेट करके कोई बेहोश तक नहीं हुआ।संबित क्या इसी डिबेट में ऐसा बोले थे?राजीव त्यागी बहस में शुरू से ही और दिनों के मुकाबले काफी शांत नजर आ रहे थे।उनकी तबियत हो सकता है पहले से ही ठीक नहीं थी।
यह नवभारतकी भिकारपत्रकारिता है पात्राजींने इससे पहीले कॉग्रेसवालो तथा अन्यको हजार बार जयचंद कहा है। इस चर्चामेभी पात्राजींके ईस वक्तव्यके बाद त्यागीजीने मुहतोड़ जबाब दिया था। किसी पर आरोप लगाकर सनसनाटी पैदा करना यही जयचंदी वृत्ती है।ऐसे ट्वीट ही बंगलोर जैसी घटना का कारण बनते है।
पहली बात तो अगर डीबेट में बदतमीज़ी देखनी हो, तो कांग्रेसियों या सपाईयों की देखिए। कांग्रेसियों के पास कोई तथ्य तो होता नहीं, कुछ मालूम होता नहीं..., बस बहस में भाग लेने आ जाते हैं। राजीव त्यागी की मौत के ज़िम्मेदार राहुल व सोनिया हैं...!
संवित पात्रा दंगाइयों को कहीं न कहीं मदद करना चाहता था और और बार बार एक ही शब्द जयचंदों कह कर त्यागी के गुस्से को भड़काया जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी होगी?ऐसा हो सकता है।
बहस तो बहस है । sambitswaraj ने जो है वही कहा । कोई गालीयां तो नहीं बोली । पर RTforINDIA को तो सुनो , ये कोई तरीका है किसीसे भी TV पर बात करने का । शर्म आनी चाहिए । देखो 👇
मीडिया जिम्मेदार चैनल पर कार्यवाही हो , डिबेट के नाम पर मुर्गा लड़ाने की परंपरा बन्द हो
sambitswaraj - कौन मूर्ख है जो ये मानेगा कि बहस से कोई लेना देना है, शर्म करो कांग्रेसियों , मौत पर राजनीति कोई तुमसे सीखे
Gobar patra ne rajiv tyagi ji par personal hamla kiya. Unko galiyan din lagatar. Tanao men heart attack aa gaya
देश मे मीडिया का रक्तरंजित स्वरूप।
If it's true, plz call rahul Gandhi in next debate !
किसी का आना-जाना भगवान के हाथों में है। राजीव जी की मौत से दुख है लेकिन उनकी मौत के लिए संबित पात्रा को जिम्मेवार ठहराना राजनीति से प्रेरित ज्यादा और हकीकत कम लग रहा है। जो शब्द बोले, ऐसा पहले भी बोले गए और उनमें ऐसा कुछ भी नही है जिससे किसी की मौत हो जाये। ये शब्द है :
लो कल्लो बात , जयचंद को जयचंद बोल दिया तो क्या गलत किया , अब नरक में जा के ही सड़ेगा ये हिन्दू द्रोही
Debate mein personal attack ek criminal offence ki tarah hi hai. Such attackers should be punished
Om Shanti Shanti Shanti
डिबेट की शुरुआत से ही राजीव_त्यागी जी बेचैन दिखाई दे रहे थे लगता है उनका सनातनी मन बैंगलोर की हिंदू विरोधी हिंसा पर आलाकमान की चुप्पी से आहत था लेकिन फिर भी उन्हें डिबेट में आकर दंगाइयों का बचाव करना पड़ा संभवतः इस अंतर्द्वंद के दबाव को वह सहन नहीं कर पाए
इसी बहाने कांग्रेस को कुछ sympathy मिल जाएगी!
टीवी डिबेट्स रोज ही होते है ,ऐसी बहस रोज ही होती है किंतु यह कह देना कि किसी से राजनीतिक बहस के कारण ऐसा हुआ यह दुखद ,ये राजनीतिक डिबेट्स कोई दुश्मनी नही होती ना ही प्रवक्ता ,कृप्या ऐसा कहकर परिवार को दुख ना दे । ईश्वर राजीव त्यागी जी को अपने श्री चरणो मे स्थान दे 🙏🏻🙏🏻
करते हो तुम कन्हैया किसी और का नाम हो रहा है अगर मौत किसी व्यक्ति के हाथ में होती है तो उसे ही भगवान कहा जाता है
Congressi eesme bhee gandee Rajneetee karenge .
ओम् शान्ति ओम्
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