6 दिसंबर, 1992 को मुंबई में जो हुआ था, उसे भी याद रखना जरूरी; जब संविधान के ऊपर बर्बरता की जीत हुई थीहाल ही में दूरदर्शन द्वारा राम मंदिर भूमि पूजन के लाइव कवरेज पर रिकॉर्ड व्यूअरशिप मिलने का ढिंढोरा पीटना बताता है कि उन्मादी मीडिया के लिए टीआरपी ही सबकुछ है। देशभर के न्यूजरूम में भूमिपूजन को टीवी के लिए ही बने दृश्यों की तरह पेश किया गया। यह सब देखकर मुझे बड़ी खबर वाला ऐसा ही दिन याद आ रहा था। पांच अगस्त 2020 से बहुत पहले 6 दिसंबर, 1992 आया...
फिर देर शाम बीबीसी पर विध्वंस की तस्वीरें आईं, तब माहौल कुछ बदला। उस रात हमें मोहम्मद अली रोड स्थित मिनारा मस्जिद पर पत्थर फेंके जाने की पहली खबर मिली। एक पुलिस वैन पर भीड़ ने हमला कर दिया। एक उत्साही 27 वर्षीय रिपोर्टर होने के नाते मुझे लगा कि मुझे वहां जाना चाहिए। रात में भी जीवंत रहने वाले उस इलाके में तनाव था। पुलिस गश्त लगा रही थी और कुछ हिस्सों में पत्थरबाजी जारी थी। अगले दिन स्थानीय मुस्लिम लीग ने बंद की घोषणा की, मुंबई में कर्फ्यू लग गया, हिंसा उपनगरों तक फैल चुकी थी। अगले तीन महीनों में...
वर्ष 1993 के आखिर में मार-काट के साक्षी के रूप में मुझे श्रीकृष्ण कमीशन के सामने गवाही देनी पड़ी, जो मुंबई दंगों की जांच के लिए बनाया गया था। पूछताछ तीन दिन तक चली। व्यक्तिगत स्तर पर मेरे पेशेवर जीवन का वह सबसे खौफनाक साल था। एक शहर जिसे मैं चाहता था, उसे शायद हमेशा के लिए घाव के निशान मिल गए थे। मुंबई सांप्रदायिक आधार पर बंट गई थी। उन महीनों में हिन्दू-मुस्लिम के बीच जो भौतिक और मनोवैज्ञानिक दरार आई, वह कभी नहीं भर...
sardesairajdeep August 1947 jo hua tha wo kya tha....db rs to fake he hi tum bhi ban rahe ho....
sardesairajdeep एक हजार किलो आर डी एक्स वाली कहानी भी तो बता कैसे शांतिप्रिय समुदाय ने पुरी मुंबई को श्मशान घाट बना डाला
sardesairajdeep श्री अग्रवाल जी रहम करो। निष्पक्ष औऱ व्यवहारिक दृष्टिकोण वाले पत्रकार नही मिलते क्या कॉलम लिखने को?ये साहब एक स्पेशल नजर के चश्में से पत्रकारिता करते है।हम भास्कर पढ़ना बन्द करें या आप इनसे लिखवाना बंद करेंगे?ईमानदारी वाली देश भक्ति और देश सबसे पहले औऱ बाकी सब बाद में।
sardesairajdeep Rajdeep Sardesai ROASTED !!!
sardesairajdeep BSDK तु ये याद रख की कैसे कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को खदेड़ दिया गया था, उन पर जुल्म हुआ था।
sardesairajdeep बुढ़ऊ लोग, बीपी शुगर चेक करवा लो, फिटनेस सर्टिफिकेट लेके ही डिवेट करो और करवाओ। नहीं तो फिर हार्ट फेल मार जाएगा तो दोष sardanarohit और sambitswaraj जी पे जाएगा😀यह फिर कभी कभी आपका चेला ही 11k वोल्ट का झटका ⚡दे जाएगा, पता नहीं हर बार झेल पाओ कि नहीं😀
sardesairajdeep Aur kashmir main Jo hua aur ho Raha hai Woh bhi Yaad rakhna jaruri hai panunkashmir
sardesairajdeep Fake news master of India
sardesairajdeep राम रथ 25 Sep 1990 - 5 August 2020 30 साल बाद आज भारत ध्रुवीकृत हैं, अब बहुसंख्यवाद मुख्यधारा में है, नाराज मुस्लिमों , भगवा सैनिकों, अंडरवर्ल्ड गैंग और पक्षपाती प्रशासन का चक्रव्यूह रचागया. संवीधान को राष्ट्रवाद तले दबाया गया गांधी पर गोडसे की वीजय हुइ. भारत भगवामय होगया.
sardesairajdeep Ajeeb ho khud k chaplusi ko like kr rhey ho 😅🤣😂😂😂
sardesairajdeep 15 th aug 1947 ko jo 28 lakh hindu mare gye pak bnane ke lia? Vo tera baap yaad rakhega?
sardesairajdeep ६ दिसंबर को मुंबई में सिर्फ मुस्लिम मोबस रास्ते पे थे। उस दिन का स्टेटिस्टिक्स है १२ हिन्दू और २ पुलिस वालो की मौत , और ३ मुसलमान घायल पुलिस की गोलियों से। मतलब उस दिन बंगलौर जैसा नंगा नाच चल रहा था मुंबई की सड़कों पे
sardesairajdeep 6 December ko Babri mosque gira tha? Ye apka pracjaar jo danga karaya.
sardesairajdeep मुंबई से दिल्ली, बंगलोर कुछ सीख लेनी थी पर काश सुधरना नसीब नही!
sardesairajdeep narendramodi AmitShah विदेशी फंड से पत्रकारिता के नाम पर एक विशेष ऐजेंडें के तहत झूठ और दंगे फैलाने वाले पत्रकारों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। ऐसे पत्रकार भी अपने आप को संविधान से ऊपर समझते हैं। सरकार को पत्रकारिता के कोढ का भी ईलाज करना होगा।
sardesairajdeep यह राजदीप भड़वा अपनी राजमाता को खुश करने के लिए दंगाइयों के बचाव में कुछ भी झूठ प्रसारित कर सकता है। 1992 मे भी दाउद इब्राहिम के इशारे पर पहले मुंबई को बेरहमी से जलाया गया था। फिर प्रतिक्रिया मे दंगा हुआ था, तब महाराष्ट्र और दिल्ली में कांग्रेसी सरकारें थी।
sardesairajdeep याद करो उसदिन को जिसदिन बर्मा में रोहिंग्या के ऊपर आक्रमण के बिरोध में मुम्बई में कैसे हंगामा हुआ था।
sardesairajdeep
sardesairajdeep Only due to rajdeep colum I have stopped dainik bhaskar news paper.
sardesairajdeep Desh ka sabse bada dalla..
sardesairajdeep और २५ जून १९७५ को जो हुआ था वह क्या संविधान की जीत थी!
sardesairajdeep RipRajdeepSardesai
sardesairajdeep अब फिर से उकसाने , भड़काने का काम कर रहा है तू भाई। लेकिन SC के आदेश के सामने तू लाचार ही रहेगा
sardesairajdeep जो बर्बरतआ 1000 साल तक हिंदू मंदिरों पर हुई
sardesairajdeep हां 1992 मुंबई दंगो के समय महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार थी। आपने campaign नहीं चलाया जैसे कि गुजरात दंगों पर चलाया था। इसकी कोई वजह तो जरूर रही होगी।
sardesairajdeep And sardesairajdeep and sagarikaghose never talk about 1984 Sikh massacre, Kashmiri Pandit exodus, Emergency period. Looks like those periods were their favorite since their owners, Gandhis who throw monthly bones at them, were ruling then. ButtlickersOfGandhis
sardesairajdeep Saaley, Chadarmod sardesairajdeep
sardesairajdeep congress being national party shall counter BJP three capital game in AP&pseudo nationalism&Hindu plank by play on their turf of sentiments&divisive politics by demand division of capitals in Gujarat WB UP Odisha Assam Tamilandu&Delhi, BJP fall in defense&party get advantage
sardesairajdeep
sardesairajdeep यह सुवर कभी सुधरेगा नाहि। जिहादी पत्रकार।
sardesairajdeep Rubbish
sardesairajdeep Kashmir pandit bhul jaaye
sardesairajdeep इतना घटिया लेख,,, उससे भी घटिया लिखने वाला,,,
sardesairajdeep यह व्यक्ति अपनी दलाली पत्रकारिता से अपनी प्रतिष्ठा खो चुका है। अब दैनिक भास्कर को सोचना चाहिए कि अपनी इसके पीछे अपनी प्रतिष्ठा दाँव पर न लगाएं
sardesairajdeep आज भास्कर में इनका यह लेख दलाली वाला ही था, आज इनका एजेंडा था बैंगलोर में घटित इस्लामिक आंतकवाद मामला हल्के करना
sardesairajdeep you are defaming ssr, Dalal of mahesh .....you have neither bright good looks neither honesty neither character....you are after the glamour girls, busy protecting them...look so aged but so lusty...very unattractive....jealous of handsome like susanth and arnav
sardesairajdeep राजदीप और दैनिक भास्कर जो चाहें याद रख सकते हैं। इस देश में बोलने के साथ साथ याद रखने की भी पूरी आजादी है। लेकिन राजदीप जैसा पत्रकारिता का कलंक एक लीचड़ पग जो याद रखे जरूरी तो नहीं मैं भी वही याद रखूं। मैं तो 5 अगस्त याद रखूंगा।
sardesairajdeep May the froud and fake soul of sardesairajdeep rest in peace...
sardesairajdeep What happened in Bangalore was well within law of the Lutyens petdog media
sardesairajdeep All riots were unfortunate but pathetic to see not just political parties but journalists also are equally responsible for one sided reporting. How many of them have interviewed families of people died in Godhra coach burning? Were they not human beings?
sardesairajdeep 1428 ईसवी भी जब बाबर राम जन्मभूमि मंदिर तोडा था।
sardesairajdeep Bosse d wala dallah
sardesairajdeep sardesairajdeep आपके विचार सुनना और पढ़ना बहुत जरूरी है। इससे ये जानने का अवसर मिलता है कि कांग्रेस कि छवि किस तरह सुधारी जा सकती है। पद्म श्री का कर्ज भी चुकाना है।
sardesairajdeep बेंगलूरू दंगों पर आपकी क्या राय है वामपथी बुद्धू जीवी महोदय ।
sardesairajdeep Just shut up and keep quiet.
sardesairajdeep janta bhool rhi hai ab , koi dekhta v nhi fake news failwane wale sardesairajdeep IndiaToday ko ,
sardesairajdeep mathur kashi bhi likhega yeh jald...dainik bhaskar bhaand akhbaar mein jagah banakar rakhna dalle.
sardesairajdeep Prashant bhusan yad h
sardesairajdeep Also remember 'The Emergency' for 21 months period from 1975 to 1977. Wake sardesai.. Journalism mein sab kuch yaad rakhna padta hai.
sardesairajdeep पागल लोग भी राय देते हैं
sardesairajdeep Earlier Newspapers were printed and Sold. Now Sold and printed.
sardesairajdeep Bogus, may be fake as well.
sardesairajdeep फ़िर तो राजदीप नौआखली भी याद किया जाना चाहिए फिर तो 1984 भी याद रखा जाना चाहिए आप जमाने के खुदा नहीं की आपकी सुविधा से भारतवासी याद रखें
sardesairajdeep Bc Dainik Bhaskar
sardesairajdeep राजदीप सर देसाई जैसे झूठे पत्रकार पूर्व राष्ट्रपति जी प्रणव दा की जीवित मे ही निधन की खबर फेला सकते हैं, और आप इनसे सच खबरों की उम्मीद करते हो, जिनकी बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो।
sardesairajdeep
sardesairajdeep Aap kashmir panditon ki hatya ke baarein mein kuch nahin boltey.
sardesairajdeep 1990, 19 January. CONSTITUTION DAY. WE SHOULD CELEBRATING
sardesairajdeep वालों, इस घटिया आदमी के घटिया लेख क्यों छापते हो? आज से दैनिक भास्कर लेना बंद।
sardesairajdeep RIP bhosdi walon
sardesairajdeep Tremendous pressure from their AKAs...... They need to keep alive (Hindu - Muslim) issues to earn bread butter for their AKAs & therefore self.
sardesairajdeep 'मैं अब भी दंगों, धुएं भरे आसमान और आंसुओं में डूबे मुंबईकरों के दु:ख की दर्दनाक कहानियों की तस्वीरों से डरा हुआ हूं।' ~दलाल डरने ही चाहिए 'मैं 6 दिसंबर को नहीं भूल सकता जब संविधान के ऊपर बर्बरता की, अहिंसा के ऊपर हिंसा की जीत हुई थी।' ~imergency तो नहीं लग गई थी ना।
sardesairajdeep अहिंसा के उपर हिंसा की जीत केवल 6 डिसेंबर, 1992 में नहीं हुई। 14 अगस्त, 1947 में बना पाकिस्तान भी अहिंसा के उपर हिंसा की जीत का एक उदाहरण है। लेकिन आप पाकिस्तान को तो बधाई देंगे। कांग्रेस की यह दोहरी नीति अब आम जनता समझ चुकी हैं।
sardesairajdeep A frustrated out look of a depressed journalist,
sardesairajdeep Boycott this anti hindu newspaper Who always writes against hindus
sardesairajdeep तुझे कभी कश्मीरी पंडित क्यों नहीं याद आते? क्यों तुझे कभी गोधरा कांड से पहले जलाई ट्रेन याद नहीं आती? मुसलमानों द्वारा किए बंगलौर दंगे पर क्यों तेरा कोई ट्वीट या शो आया? तू अपना ईमान, धर्म सब बेच गया है क्या? कुछ शर्म मगर तुझे आती नहीं, जलील इंसान।
sardesairajdeep Hinsa ka utar hinsa se hi diya jayega na
sardesairajdeep क्या भारत को डराया जा रहा ह लेखन के माध्यम से शर्मनाक
sardesairajdeep दैनिक भास्कर के पेपर को हमारे घर में बच्चे की गंदगी साफ करने में काम में लेते है इनके जैसे दोगले पत्रकार की ज्ञान बताएगा तो यही काम में आएगा
sardesairajdeep What a fall for this so called 'journalist'. He now speak only fr Cong ,AAP , TMC. In Raj Gehlot, CM applied Sedition law against his own party rebel MLAs and now revoked but he never Q Rahul, Gehlot about this. saurabhtop Do u want any more proof?
sardesairajdeep खाजदीप की आत्मा को शांति तब ही मिल सकती है जब देश के सारे मन्दिरों को मस्जिदों में तब्दील करके सारे बहुसंख्यक जालीदार टोपी लगाकर नमाज में शरीक हो।
sardesairajdeep ये पत्रकार यही है ना जो प्रणव दादा की मौत की अफवा फैलाई है ऐसे गधे किया अपनी सोच बताएगा इसके जैसे पत्रकार खाली मुंह से हग रहे है
sardesairajdeep Yeh to royega hi , because
sardesairajdeep बहुत बढ़िया वाह सुप्रीम कोर्ट इस बार तो कोर्ट फिक्सर प्रशांत भूषण के ही गुर्दे छील दिए इसी तरह कुछ दलाल राजदीप जैसे पत्रकारों के भी गुर्दे छील दिए जाने चाहिए
sardesairajdeep Are you on menopause! Has yourselves brain shut off too ya kabhi tha hi nahi🤣🤣🤣
sardesairajdeep Sabse bada bharwa patlakar Rajdeep aur ravish ek number dalal hai ye dono
sardesairajdeep Sharad Pawar lied and added one more blast from 12 to 13 blasts just to keep the peaceful people happy. In all the blasts, peaceful community has targeted Hindus, So this lowlife politician lied abt one more blast and said 13th blast was for muslims
sardesairajdeep Rajdeep sardesai is today biggest supporter of Shiv sena and Udhav Thackeray. He changes his stand according to weather and times.
sardesairajdeep Where was you constitution for kashmiri pandits in 90’s?
sardesairajdeep 1986&1992 It was the congress who did it.That implies that most of the congress is also a part of RSS.
sardesairajdeep Twitter should have a dislike button
sardesairajdeep Tab dalal banneki peskhas hui Nahi thi.
sardesairajdeep Is there any English version of this article?
sardesairajdeep तब दलाली नहीं खाता था अब दलाली खा खा कर चर्बी दिमाग में चल गई है तेरे हवा में उड़ने लगा है आजकल तू दलाल
sardesairajdeep फर्जी पत्रकार कल तो पूर्व राष्ट्रपति को ही मार डाला था TRP के लिए। और बाते देखो बड़ी बड़ी
sardesairajdeep
sardesairajdeep
sardesairajdeep Tum jaise liberals ke karan hi aisi paristithi desh mein utpan hui. Kash tum log kewal muslim tustikaran karne mein na lage rahte to desh mein sohard besak bana rahta
sardesairajdeep कितना घटिया लेख है इसका, आगे से इसके कॉलम छापे न तो हिंदुस्तान लेना शुरू कर दूंगा।
sardesairajdeep कौन हैं ये लोग जिनके पास बम है, बंदूक है, तलवारें है, पत्थर है, एसिड है पर कागज नहीं है 🤔🤔🤔
sardesairajdeep फर्जी पत्रकार कल तो पूर्व राष्ट्रपति को ही मार डाला था TRP के लिए। और बाते देखो बड़ी बड़ी
sardesairajdeep The range of Rajdeep mentality knows the world
sardesairajdeep फ़र्जी पत्रकार का कॉलम छापने वाले को अनफॉलो करो, बॉयकॉट करो इसका न्यूजपेपर को भी
sardesairajdeep ये लेख लिखने वाला फर्जी है bsdka कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मरने की फर्जी खबर फैला दी,
sardesairajdeep पिछवाडे मिर्ची लगी है इसके
sardesairajdeep इसकों जलील होना गाली सुनना ही पैसन हो गया है लगा रह दल्ला
sardesairajdeep 2002 Mai
sardesairajdeep तुम मूर्ख भास्कर मेरे पैसे वापस करो। कैसे घटिया लेख देते हो
sardesairajdeep ये जिहादी है।
sardesairajdeep कैसे घटिया लेख देते हो पैसे देकर इसके घटिया विचार पड़ने पड़ते है। या तुम्हारा कोई जिहादी एजेंडा है या भास्कर हिन्दू नही मानता किसी जिहादी ने कभी नही माना कि वहां राम मंदिर था पर तुम कभी नही कहते प्रमाण के बाद भी की वहां मंदिर महल था। और ये जिहादी हत्याकांड क्यो याद दिला रहा है
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