नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में अब तक बड़ी संख्या में लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है, गिरफ़्तारियां हुई हैं और सरकारी संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने के मामले में नोटिस भी जारी किए गए हैं. कुछ गिरफ़्तारियों पर सवाल भी उठ रहे हैं और कुछ को कोर्ट से ज़मानत भी मिल गई है.
सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि सरकार की किसी नीति, क़ानून या फिर कार्यप्रणाली के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने पर इतनी कठोर दंडात्मक कार्रवाई करना कितना उचित है? ख़ासकर तब, जबकि ख़ुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ऐसे ही आरोपों में न सिर्फ़ अभियुक्त रह चुके हैं बल्कि जेल तक जा चुके हैं.योगी आदित्यनाथ पर गोरखपुर से सांसद रहते हुए कई मुक़दमे दर्ज हो चुके हैं.
हालांकि महराजगंज की ही सीजेएम कोर्ट ने कुछ महीने पहले साक्ष्यों के अभाव में इस मुक़दमे को ख़ारिज कर दिया था लेकिन याचिकाकर्ता तलत अजीज़ ने निचली अदालत के इस फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी और फिर हाईकोर्ट ने मुक़दमे को दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया.साल 1999 में महराजगंज के पचरुखिया में क़ब्रिस्तान की ज़मीन को लेकर हुए विवाद में ये केस दर्ज हुआ था.
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में भी दंगे के एक मामले में अभियुक्त हैं. साल 2007 में गोरखपुर में क़रीब एक महीने तक चले दंगों के मामले में प्रत्यक्षदर्शी रहे परवेज़ परवाज़ ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी. बताया जा रहा है कि इस मुक़दमे की भी क्लोज़र रिपोर्ट लग चुकी है और फ़िलहाल ये मामला भी विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है.
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके और उनके कुछ सहयोगी मंत्रियों और दूसरे नेताओं के ख़िलाफ़ लगे आरोप और मुक़दमे सरकार ने वापस लेने शुरू किए. भारतीय जनता पार्टी और सरकार के लोग योगी आदित्यनाथ और उनके सहयोगियों पर लगे मुक़दमों को राजनीति से प्रेरित बताते हैं.योगी आदित्यनाथ ने भी साल 2007 में उन पर 'द्वेषपूर्ण तरीक़े' और राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया था और इस मामले को लोकसभा में भी उठाया था.
जरा राजस्थान का नाम भी ले लिया करो
हिंसाजनित प्रदर्शन रोकना पुलिस व सरकार की जिम्मेदारी है । सड़क पर लूटपाट व आगजनी करना न देश व प्रदेश के हित में है और न जनता के इसलिए ऐसे कृत्य करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही होना चाहिए,ताकि भविष्य में ऐसे उपद्रवी दोबारा ऐसा करने की सोच न। योगी आदित्यनाथ जी बधाई के पात्र है
Onley muslims culture crying every wear and every country
बी बी सी वाले कन्हैया कुमार को हिरो बना रहे है ये वही कन्हैया कुमार है जो देश के टुकडे करने वाले गैंग मे शामिल था और हर घर से अफजल को निकाल रहे थे क्या ऎसा आदमी हीरो हो सकता है बी बी सी को विचार करना चाहिए
Pahli bar sunane m aa rha h ki up m police ki sakhti varna to hmesa gundo k karname hi sunane ko milte h
हर_शहर_शाहीन_बाग IndiaAgainstCAA_NRC IndiaDoesNotSupportCAA_NPR_NRC
योगी नहीं अजय सिंह बिष्ट इसका भी नाम बदलो फर्जी नाम, पाखंडी, ढोंगी, अहंकारी, सांप्रदायिक मुख्यमंत्री 😀😬
BbC bht bc
Yogi
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