Hindustan Times
फ़रवरी के अंत में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में पूरे देश में जैसा माहौल दिखा उसका रूस पर असर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन जब चीनी आक्रमण की वजह से देश को अत्याधुनिक हथियारों की ज़रूरत पड़ी तो रूस को मनाने के लिए राजनाथ सिंह को ही भेजा गया. यही वजह है कि मोदी सरकार के सबसे बड़े संकटमोचक होने के बावजूद राजनाथ कभी भी उनके उस तरह विश्वासपात्र नहीं बन सके जैसे उनके पहले कार्यकाल में अरुण जेटली थे या दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में अमित शाह.
एक तो अटल बिहारी वाजपेयी से उन्होंने काफ़ी कुछ सीखा है और दूसरा तमाम राजनीतिक पार्टी के नेताओं से उनके अच्छे संपर्क हैं. वे सर्वसुलभ हैं और हर तरह के लोगों से रिलेशनशिप मेंटेन रखते हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के दो-दो बार अध्यक्ष रहे हैं लिहाजा पार्टी के अंदर संगठनात्मक तौर पर भी उनकी अच्छी पकड़ है. राजनाथ सिंह भी इसको बखूबी समझते ही हैं, लेकिन वो यह जानते हैं कि संकट के समय वह जो कर सकते हैं, उनकी जो स्वीकार्यता है, उसका कोई विकल्प मोदी-शाह के नेतृत्व वाली बीजेपी में नहीं है.68 साल के राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद के सिवा भारतीय राजनीति में वह सब हासिल कर लिया है जो हर नेता का सपना होता है. वे मोदी सरकार में लगातार दूसरे कार्यकाल में संकटमोचक मंत्री बने हुए हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के सबसे प्रभाव रखने वाले नेताओं में हैं, नेताओं से लेकर आम लोगों के बीच.
1991 में बनी कल्याण सिंह सरकार में शिक्षा मंत्री बन कर वे न सिर्फ़ नकल विरोधी अध्यादेश लाए, जिसके तहत नकल करना ग़ैर ज़मानती अपराध बना दिया गया था, बल्कि उन्होंने सिलेबस में वैदिक गणित जैसे विषय भी शामिल कराए. वे बीजेपी में आज भी संघ के सबसे क़रीबी नेताओं में माने जाते हैं.
क्यो की भारतीय जनता पार्टी के संकट मोचक मान नी य राज नाथ सिंह जी
Good question
This is only due to the personality make up of Manyawar Rajnath Singh .The fundamental structure of personality is combination of permanency and resipokalness of the Person .
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Qki rajnath Singh g Ka up me thoda pakar hai qki Kari ninda krte rahte hain
एक से एक चूतिये जमा हो गए हैं bbc में
इसमें संकट कहाँ है BSDK?. 😁
क्योकि यूपी बिहार, गुजरात से अलग हम मेहमान को भी राजा बना देते हैं पर गुजराती लोग भाई को भी टाँग खिचने से बाज नही आते हैं । बस यही कारण है ।।
सर जी प्रधानमंत्री जी व गृह मंत्री जी की गलत अर्थ नीतियों और गलत आर्थिक नीतियों ने देश के किसानों नौजवान युवा यूवतियों गरीबों दलितों आम जनता अल्पसंख्यकों को संकट में डाल दिया है अब प्रधानमंत्री जी को संकट मोचक ही ढुंढने पडेंगे
Chamcha hai
अक्सर मुसीबत में लोग अंध भक्ति में लीन हो जाते हैं नींबू_मिर्ची
Koi bhi phesala ye log khud se nhi lete the..Sansadiya pranali ka pura palan kerte the.. Lekin aaj k dour me sirf aur sirf rajnath shingh ji hi ese shalin vyakti he jo her yug me kendra sarkar me kam kerte aaye he unka ek lamba anubhav he.
BJP me prakhar vakta k roop me late.. shree Atalji,late shree mati shushmJi, late jaitaltji,Late..Manohar parikarji.. Ye log BJP ki dharohar the jo kade sabdo k sath apna virodh jatate the aur unhe hindustan k her varg k logo ki aashmiyat malum thi..1/1
Ye wahi raj nath hain ? Jab Vijay maliya desh chodne se pehle sansad main Mila tha?.. Or sayad isi ne maliya ki desh se bhagne main maded ki thi.. Kya ye wahi hain?
Joothi khabar yani BBC or NDTV
डिफेन्स वर्ड ही काफी है इनके परिचय के लिए।
संकट मोचक हैं। पर तुम जैसे चूतियों को नहीं समझ आएगा
मोदीजी को आनेवाले दिनों मे अडवानीजी भी याद आने लगेंगे... 🤣🤣🤣🤣
Ninda achi kar lete h
हिन्दी भाषियों पर हिन्दी भाषियों की मूरखता सरूप अन्य भाषा भाषी करते आऐ राज राज ही तो आडवाणी मुरली उमा जैसे कर किनारे हुऐ राज में काजी राज ने किऐ हिन्दी सनातन अनाथ मोदी बना दिखाते हिन्दी हैं ये तुम्हारे नाथ!
evm के चुने हुये PM का यही हाल होता है
क्यों कि वह भी एक मतलबी दलाल है काम चलाना पड़ता है।
मोदी दास तुगलक' ने कहा है कि MSP or NSP पर ही किसान की फसल खरीदा जाएगा । फिर तीनों बिल में लिखने में क्यों डर रहा है? व्यापारियों को कंपनियों को स्टोर करने पर पाबंदी लगनी चाहिए। - यह BJP रावण = बीजेपी रावण सरकार और मोदी रावण तुगलक कह रहा है
क्योंकि ख़ुशी में बीबीसी उनके साथ खड़ा होता है। जब अडवानी, अटल जी के नाम पर भड़काना काम नहीं आया, तो नया मुहरा आज़माने की कोशिश है
Pooch rhe ho. Ki bta rhe ho
आ नहीं सकते क्या
राजनाथ सिंह बहुत शालीन व्यक्ति हैं। राजनाथ सिंह कभी भी गुजराती गुंडों और झूठे नेताओं की तरह भाषण नहीं देते हैं। ऐसा लगता है राजनाथ सिंह में कुछ कांग्रेसी संस्कार हैं।
राजनाथ सिंह बहुत शालीन व्यक्ति हैं। राजनाथ सिंह गुंडे और झूठे नेताओं की तरह भाषण नहीं देते हैं।
jai rajputana . Hum hai desh ke suche rakchak
NINDA JO KARNI HOTI HAI
कड़ी निंदा करते है, इसलिए
जब किसी समस्या का कोई समाधान नहीं दिख रहा हो या फिर जो चीज वश की नहीं लग रही हो तो आखिरी में सिर्फ़ निंदा ही की जाती है।
मान्य राजनाथ जी कड़ी निन्दा करते हैं । इस के उपरांत ही समस्या का निदान । अर्थात संकट मोचक।
ये जुमलेबाजी नहीं करते , ये एक ही व्यक्ति ऐसी है जिन पर लोग भी भरोसा करते है ...सुषमा स्वराज , राजनाथसिंहजी , आडवाणीजी ये भरोसेवाले लोग है
मार्गदर्शन मंडल में इनका ही नंबर है अब
BipinKu90364032 Who trusts modi or Rajnath?
क्योंकि वो कड़ी निंदा करके समस्या हरण कर देते हैं
He should be number 2 in cabinet and BJP.
क्यूँकि सास भी कभी बहू थी
Kyonki wo atal ki nakal achhi Kar let's Hain .bas!!
kyo k wo jawab nai dete bs kadi ninda kr dete hai😂😂😂
BBC ko sankat ke time kyun yaad aati hai congress
मजबूरी का नाम राजनाथ सिंह.... मोदी के लिए
राजनाथ सिंह कड़ी निंदा बोलकर भी कड़ी निंदा नहीं कर पाते हैं थोड़ा लचीले किस्म के इंसान हैं।
Great leader
क्योंकि यह देखने में भी हनुमान जैसे ही लगते हैं। बस इनके हाथ में गदा नहीं है।
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Sab sankat Mochon nehi hoti kisi sankat patan ki suruat hoti.
एक इमानदार नेता होने से पीछे छुपने के लिए।बी जे पी में कुछ लोग ऐसे हैं जो जनता और देश में हित के लिए राजनीति करते हैं। जय जवान जय किसान।।
To apko yad karenge Kya !!!
किसान विरोधी बिल ( कांट्रैक्ट फार्मिंग बिल) असंवैधानिक तरीके से पास कराते ही अडानी बड़े बड़े बैनर पोस्टर के जरिए इस धंधे मे कूद पड़ा, भारत_बंद_होगा
इस से कडी..से..कडीनींद कोइ नहीं कर सकता।
Tumhe itni sari Kadi Ninda karni hogi.. tabhi kuch baat banegi...
क्योंकि यह अच्छे से कड़ी निंदा करना जानते हैं
इतिहास में याद रखा जाएगा.. जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था..जनता त्राहिमाम कर रही थी.. तब उस वक्त भारत का 70 वर्षीय राजा अपना बड्डे-सड्डे मना रहा था..
अगर भाजपा इस देश में ६० साल सासन करती तो बताओ क्या कुछ नहीं बिकता?
narendramodi को एक ☕ चाय दिख गया जिनके घर चाये का चूल्हा नहीं जला वो कब दिखाई देगा बेशर्म सरकार किसी के घर चूल्हा जले या ना जले मोदी की रोटियां हर समय सीकती है
उसके अलावा आता क्या है जहाँ खुद को आना चाहिये वहाँ, कुछ न कुछ खेल चालू कर देते है।
हम लेके रहेंगे आजादी, तुम कुछ भी कर लो आजादी,तुम पुलिस बुलाओ आजादी, तुम डंडे मारो आजादी,हम नहीं झुकेंगे आजादी, तुम जेल में डालो आजादी,हम नहीं रुकेंगे आजादी, हम लेके रहेंगे आजादी,अरे सुन ले मोदी आजादी, आरएसएस सुन ले आजादी,सब मिलकर बोलो आजादी, जोर से बोलो
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