यूपीए शासनकाल के दौरान 2013 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक आर्डिनेंस को फाड़ दिया था. इस के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उस समय के योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से पूछा था, क्या उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए? हालांकि तब मोंटेक ने उन्हें ऐसा ना करने की सलाह दी.
इसका खुलासा योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे अहलूवालिया ने अपनी किताब ‘बेकस्टेज : द स्टोरी बिहाइंड इंडियाज हाई ग्रोथ ईयर्स’ में किया है. मनमोहन सिंह के सवाल पर अहलूवालिया ने उन्हें जवाब दिया कि इस मुद्दे पर इस्तीफा देना सही नहीं है. पीएम मनमोहन सिंह के साथ अहलूवालिया उस वक्त अमेरिका के दौरे पर थे. बता दें कि मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद योजना आयोग को भंग कर नीति आयोग का गठन किया था.
यह लेख अहलूवालिया के भाई का होने के नाते मीडिया में बेहद चर्चा में रहा था. मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने किताब में लिखा, 'मैंने पहला काम यह किया कि उस लेख का टेक्सट लेकर मैं पीएम के पास गया. मैं चाहता था कि इसके बारे में सबसे पहले वह मेरे मुंह से सुनें. उन्होंने उसे शांति से पढ़ा और कोई टिप्पणी नहीं की. फिर यकायक उन्होंने पूछा, क्या वह सोचते हैं कि मैं इस्तीफा दे दूं?' मोंटेक ने बताया, 'मेरे विचार से इस मुद्दे पर इस्तीफा देना उपयुक्त नहीं होगा.
पड़ा लिखे इंसान हैं राहुल गांधी मनमोहन सिंह अनपड़ व्यक्ति हैं अच्छा किया फाड़ दिया
Caretaker PM cannot resigne, only he can speak YES SIR/MADAM
फिर स्तीफा दिया क्यों नहीं ?
But, Still democracy was not in Danger. Constitution was not in danger. Because, RahulGandhi has done it... No GodiMedia of Leftists and Communist were not saying a word about it...
अब बोल रहे हो। मोदी कोई pressure डाला है क्या। तुम से लुच्चा कोई नहीं।
तो आप हो वो असली गुनहगार जिन्होंने अपनी सलाह से एक बुद्धिजीवी को अपने। मन की ना मानी
6 sal ho gy bhai ab kyo bal ki khal utar rha hai
राहुल गांधी के कारण ही कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं को भुखमरी से जूझना पड़ता है।अब तो अंतिम संस्कार का समय आ चुका है।
ऐसा करने के लिए ज़मीर जिंदा होना चाहिए ।
द्रौपदी के वस्त्रहरणमे मौन को करना था उदगार , श्री कृष्ण भी कहेते है भीष्मपितामह जवाबदार ,
सोचने वाली बात यह है कि जब कांग्रेस ने 1955 से 2014 तक सबको रोजगार देकर सुखी कर दिया था, तो ये कौन से चमचे हैं ,जो 5 साल में ही बेरोजगार हो गए.?🤔 🤔
ये राहुल का तब भी जघन्य अपराध था जो उन्होंने तब के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ताड़ ताड़ किया था और देश की जनता को अपनी बेओकुफी का एहसास दिलाया था और अपने अहंकार को सातवें आसमान पर पहुंचाया था।
उस दिन देश और दुनिया दोनों जान गई थी कि कौन नानसेंस है।।
इतनी पुरानी बात अब क्यों?
Midea Bharat ko itihaas me ghuma rahi he? Kuch janta ke bhale ki khabre bhi banegi ya....🤔😆😂
नौकरशाही मनमोहन सिंह जी के खून में है। ये आज भी चाह कर खुद निर्णय नहीं ले सकते। नाम के प्रधानमंत्री थे ये, रिमोट कंट्रोल तो सोनिया गांधी करती थीं।
सरकार किसी की भी हो रहती हमेशा किसान विरोधी ही है।
उनकी हिम्मत नहीं थी जो ऐसा करते, अगर ये सत्य था तो आज ये कह दें, पर नहीं कह पाएंगे क्योंकि आज भी वो हिम्मत नहीं
congress ek samardik party hain ,bash expose nhi hui thi
उसी टाइम बोलने की जरूरत था, अब क्या फायदा
Pappu Ki lila🙏
Aur Gujrat dango k baad modi ji... 😂😂😂
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