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मेघालय: एक महीने के बचाव कार्य के बाद नेवी गोताखोरों को मिला पहला शव, अवैध खान में फंसे हैं 15 मजदूरहैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (एनजीआईआर-सीएसआईआर) और ग्रैविटी एंड मैग्नेटिक ग्रुप के विशेषज्ञों की एक टीम भी बचाव कार्य में लगी हुई है. रविवार तक 370 फुट गहरी खदान से एक करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका था.
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
मुकेश अंबानी का PM से 'डाटा के औपनिवेशीकरण' के खिलाफ कदम उठाने का आग्रहरिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'डाटा के औपनिवेशीकरण' के खिलाफ कदम उठाने का आग्रह किया. दिसंबर का महीना भी बीत गया और मुलायम का जन्मदिन भी। दो साल से सैफई में न तो बॉलीवुड के हीरो हिरोईन नाचे और न ही मुलायम के लिये इंग्लैंड से बग्गी आई। 'सारा शौक सरकारी पैसे से जो होता था अब सरकारी पैसे से कुम्भ होता है। यही फर्क है जन जन का विश्वास मोदी है खास बार बार ऐक ही नारा मोदी ही है हमारा। भारत अटल है ,अटूट है ,अविनाश्कारी है न कोई तोड़ सकता है और नही कोई ताकत मिटा सकती है । भारत माता की जय । हिंदुस्तान जिंदाबाद । Sikkim
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
चांद के दिन और रात के तापमान का अंतर आंकेगा चीन का रोवर- Amarujala3 जनवरी को चंद्रमा पर उतरा था रोवर, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि रात में माइनस 183 डिग्री हो सकता है तापमान
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
यूपी के मंत्री का बयान: हिन्दू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने वाले नेताओं का जला डालो!राजभर की टिप्पणी समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच 2019 के संसदीय चुनावों में भाजपा को हराने के लिए हुए गठबंधन के बाद आई है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
मेघालयः गोताखोरों को मिला मज़दूर का शवमेघायल की जयंतिया हिल्स की अवैध कोयला खदान में फंसे 14 अन्य मजदूरों की स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है. So sad! दो रोटी के लिए कितना मेहनत की जान भी गवानी परती है ।।
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
Exclusive: मेघालय की रैट-होल माइन्स के अंदर का खौफनाक सचMeghalaya Coal Mines जिस युवक के पीछे इंडिया टुडे के रिपोर्टर जा रहे थे वो अब कोयले की मौजूदगी वाली जगह तक पहुंच चुका था. वो पीठ के बल पर अपने सिर पर मौजूद चट्टान से कोयले के टुकड़े निकालना शुरू करता है. टुकड़े नीचे चार पहिए वाले पुशकार्ट में गिरते हैं जिन्हें वो अपने पैरों से खींचता है. यहां जरा सी भी चूक भी मौत को दावत है.
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
आज का इतिहास: जहाज़ पर बनी पट्टी पर आज ही के दिन पहली बार उतरा था विमानआज भले ही विभिन्न देशों के पास विशाल विमान वाहक पोत हैं और युद्ध एवं शांति के समय इनका उपयोग किया जाता है, लेकिन किसी जहाज की छोटी सी पट्टी पर पहली बार विमान को उतारने का श्रेय अमेरिका के पायलट यूजीन बर्टन एली को जाता है. उन्होंने 1911 में आज ही के दिन पहली बार सान फ्रांसिस्को खाड़ी में खड़े जंगी जहाज पेंसिलवेनिया के उड़ान मंच पर विमान उतारने के जोखिमपूर्ण कार्य को अंजाम दे कर अमेरिकी नौसेना के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर स्थापित किया. हे आज का इतिहास को रोजाना अपलोड किया करिये
स्रोत: ABP News - 🏆 9. / 59 और पढो »
मेघालय कोयला खदान: 34वें दिन एक मज़दूर का शव मिला, 14 लोगों का अभी भी पता नहींनौसेना की टीम को एक मज़दूर का शव करीब 200 फीट की गहराई में मिला है. मेघालय के लुमथरी खदान में 13 दिसंबर से 15 लोग फंसे हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा था.
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »
36 दिन बाद मेघालय की खदान से 1 खनिक का शव बरामद, 14 अन्य की तलाश जारीमेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध रैटहोल खदान में पिछले साल 13 दिसंबर को फंसे थे 15 खनिक. 14 अन्य की तलाश जारी. अब तो केवल भगवान ही बचा सकते हैं। इसीलिए अभी तक आशा बंधी हुई है।
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »