कर्नाटक उच्च न्यायालय ने माना है कि मुस्लिमों का निकाह एक समझौता है, जिसके कई अर्थ हैं। यह हिंदू विवाह की तरह कोई संस्कार नहीं है। निकाह के टूटने से पैदा कुछ अधिकारों एवं दायित्वों से पीछे नहीं हटा जा सकता है। यह मामला बेंगलुरु के भुवनेश्वरी नगर में एजाजुर रहमान द्वारा दायर एक याचिका से संबंधित है, जिसमें 12 अगस्त, 2011 को बेंगलुरु में फेमिली कोर्ट के प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।एजाजुर रहमान ने निकाह के कुछ महीनों बाद 25 नवंबर 1991 को...
की हकदार है।फेमिली कोर्ट के जज कृष्णा एस दीक्षित ने 25,000 रुपए के जुर्माने के साथ शख्स की याचिका खारिज करते हुए सात अक्टूबर को अपने आदेश में कहा, 'निकाह एक अनुबंध है जिसके कई मायने हैं। यह हिंदू विवाह की तरह एक संस्कार नहीं है। यह बात सच है।' न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा कि एक मुस्लिम निकाह हिंदुओं की तरह संस्कार नहीं है। इसके विघटन से पैदा होने वाले कुछ अधिकारों और दायित्वों को पीछे नहीं हटाता है। पीठ ने कहा कि पीठ ने कहा कि तलाक से शादी टूट जाती है, लेकिन तलाक पार्टियों के सभी...
THIS IS THE CRUX OF THE MARRIAGE , EVERY RESPONSIBLE MAN MUST KNOW TO LEAD A PIOUS PARTNER LIFE ?
बिल्कुल सही कहा
Ye hua sach ko sach kahana.
The court is doing the right judge. There is no more respect which is in Hinduism.
True facts
अगर सभी धर्मों ने विवाह को समझौते का नाम दे दिया तो सारे देश में तलाक़शुदा स्त्रियाँ ही दिखाई देंगी और समाज का तानाबाना बिखर जाएगा। क्या हमें ऐसे ही समाज का निर्माण करना है? ज़रा सोचिए!
फिर भी तलाक़ के मामले दहेज उत्पीड़न के मामले और सबसे बड़ा बेटी पेंदा होने पर बहु पर अत्याचार के ज़्यादातर मामले हिंदू समाज से ही क्यूँ, क्या ये भी संस्कार है
U.P., Karnataka, Assam, Madhya Pradesh me race ho rahi hai🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 Janta badle te badle jamana.
Wo insan hai maveshi nahi.
Sahi kaha. Mera desh badal raha hai, aage bad raha hai.
सही टिप्पणी है।
एक गुहार -केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय व प्रधानमंत्री जी से NH56लखनऊ से वाराणसी फोरलेन सीमेंटेड कंक्रीट मिस्रणयुक्त सड़क निर्माण में विगत6 वर्षों से लगातार लाखो करोड़ो लीटर सीमित भूगर्भजल की बर्बादी क्यों -जलनायक संदीप अग्रहरि की अपील -मो.9935230146
Muslim birodhi jaj
धार्मिक भावनाओं को आहत ना करें कर्नाटक हाई कोर्ट । मुस्लिम का निकाह अगर समझौता है तो मुस्लिम युवा युक्तियां समझौता को तोड़कर अलग रह सकते हैं किसी की जान नहीं जाती किसी को जलाया नहीं जाता साथ नहीं रह सकते तो अलग हो जाते हैं इसे कहते हैं तलाक ।
तो जब हिंदू औरतों को लव जेहाद तहत फसाकर विवाह रचा जाता है तो क्या वह भी एक समझौता माना जायेगा? उसके अधिकारों की कैसे रक्षा होगी।
सीधे अधिवक्ता से जज बनेंगे...... तो ऐसा ही होता है
बिना परीक्षा के जज बनेंगे तो ऐसे ही फैसले आएंगे।
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