13 धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी। जिसपर अदालत ने संज्ञान लिया था। पहले मामले पर 15 सितंबर को फैसला आना था लेकिन दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के कारम इसकी तिथि 12 दिसंबर तय की गई थी। हालांकि अब अगले साल मामले पर सुनाया जाएगा।
ब्रजेश ठाकुर द्वारा संचालित मुजफ्फरपुर के एक आश्रय गृह में कई बालिकाओं के साथ कथित रूप से यौन और शारीरिक दुराचार किया गया था। वर्तमान में तिहाड़ केंद्रीय जेल में बंद 20 अभियुक्तों को दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के कारण अदालत परिसर में नहीं ला पाने के कारण अदालत ने 12 दिसंबर तक आदेश को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया था।
अदालत ने 20 मार्च, 2018 को नाबालिगों के खिलाफ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के लिए आपराधिक साजिश रचने के आरोप में ठाकुर सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं। पीड़ित बच्चियां अदालत में आरोपियों की पहचान कर चुकी हैं। गवाही और चार्जशीट से साफ है कि बच्चियों के साथ आश्रय गृह में नशीली दवाएं देकर दुष्कर्म किया जाता था।
मुजफ्फरपुर आश्र्य मामले पर दिल्ली की अदालत गुरुवार को फैसला सुनाने वाली थी सेकिन अब वह 14 जनवरी, 2020 को फैसला देगी। ऐसा इसलिए क्योंकि फैसला देने वाले संबंधित जज अनुपलब्ध हैं। इसलिए फैसले को टाल दिया गया है। मामले का मुख्य आरोपी बिहार पीपुल्स पार्टी का पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर है। उसके अलावा अन्य के खिलाफ भी अदालत 12 दिसंबर को फैसला सुनाने वाली थी।Muzaffarpur shelters home case: The pronouncement of judgement is now to be passed on 14th January, 2020.
Earlier, it was scheduled to be passed today but due to the unavailability of the concerned judge, it has been deferred.
what a great justics system in india.veryfast . indSupremeCourt
तारीख पर तारीख सायद जज के यहां शादी है🤔
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »