कोर्ट ने आगे कहा,"हमारी चिंता मुख्य रूप से यह है कि नागरिकों को इस बात को लेकर आश्वास्त किया जाना चाहिए कि पुलिस बल उनके साथ है. खासकर बच्चों को आश्वस्त किया जाना चाहिए. पुलिस ने बताया है कि आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले को क्राइम ब्रांच के पास ट्रांसफर कर दिया गया है.'' इस मामले की अगली सुनवाई दो जुलाई को होगी.इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने ‘पिटाई’ के संबंध में अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दी है.
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ उनके गैर पेशेवर रवैये के लिए की गयी कार्रवाई के बारे में भी इस रिपोर्ट में संभवत: बताया गया है. इस बीच रिपोर्ट में एक पुलिसकर्मी की तारीफ भी की गयी है जो सादे कपड़े में था और उसने स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश की. ऐसी संभावना है कि रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया होगा कि टेम्पो चालक ने पुलिसकर्मियों को उकसाया था. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा से मिले और उन्हें रिपोर्ट सौंपी.जिस ऑटो ड्राइवर सरबजीत की पिटाई को लेकर विवाद हो रहा है उसके खिलाफ पहले भी केस दर्ज हैं. उसपर बंगला साहिब गुरुद्वारा के ‘सेवादार’ पर हमला करने का मामला दर्ज हुआ था. ड्राइवर सरबजीत सिंह पर दिल्ली पुलिस ने 2006, 2011 और 2013 में ऐहतियाती धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था.
इस साल अप्रैल में, सिंह ने सेवादार मंगल सिंह पर कथित रूप से हमला उस समय किया था जब मंगल ने उससे पूछा था कि वह और उसका बेटा बीते तीन चार दिन से सरोवर के पास क्यों सो रहे हैं. मंगल ने अपनी शिकायत में कहा कि जब उसने और उसके साथियों ने उनसे उनका रहने का स्थान और यह पूछा कि वह वहां क्यों सो रहे हैं, चालक गुस्से में आ गया. इसके बाद उसने शिकायतकर्ता पर हमला कर दिया था.
पुलिस ने बताया कि टेम्पो चालक के वाहन और पुलिस के वाहन के बीच टक्कर होने के बाद मारपीट की यह घटना हुई. इस घटना में आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने कहा कि वह टेम्पो चालक को पीछे से पकड़ने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि चालक सामने से अन्य पुलिसकर्मियों पर हमले कर रहा था. हालांकि जब अधिकारी चालक पर नियंत्रण करने में सफल रहे तो चालक का बेटा वहां आ गया और उसके साथ ही मारपीट हुई.
और इनके साथी कश्मीर में पाकिस्तान जिंदाबाद के और मुखर्जी नगर थाने में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे कोर्ट को नही दिखे।
और जो पुलिस वाले का सर फाड़ दिया मासूम बच्चे ने लगभग दो तीन को कुचल डाला था पुलिस को पहले अपराधी का धर्म पूछना चाहिए था सिर्फ हिन्दू को मारने और गिरफ्तार करने का अधिकार है ।
DelhiPolice के हरकतों को देख के ऐसा लग रहा है कि इनके गलतियों और जनता के ऊपर इनका अत्याचार के मामले को देखने वाला कोई नही है। राज्य सरकार के अधीन ये है नही और केंद्र सरकार के पास इतना समय है नही की इनकी सुध लें।न्यायालय ना हो तो जनता को पुलिस और नेता सब बर्बाद ही कर देंगे।
न्यायालय भी उन्मादि हाथी की चाल चलते नजर आ रहा है ।
सिक्ख दिल्ली वाले सरदार को हीरो बना रहे हैं तो कश्मीर के पत्थरबाज क्या है
As per videos he first he tried to run over DelhiPolice personals, I think DelhiHighCourt should punish him as juvenile. If police take some action against criminals than also we queso their service. MukherjeeNagar
Watch the video clearly before say something. May be understood easily
निर्भया का बलात्कारी आरोपी बच्चा (मुहम्मद अफ़रोज) भी कोर्ट को बच्चा होने के नाते ही रिहा करना पड़ा था हालाँकि, जब एक बार साकेत के किसी जज को कुछ लड़कों ने रोड़रेज़ मे कार मे पीट डाला था, तब इन जजों ने आसमान सिर पर उठा लिया था, कहा था दिल्ली मे कानून व्यवस्था बिगड़ने नही दे सकते,
It's clear in that videos that bacha chowbacha also became aggressive and violent and also attacks the police
क्यों उस बच्चे ने चलती वेन पुलिस वालों के ऊपर चढ़ाने की कोशिश की वो जुर्म नहीं है क्या।
बहुत ही सही आदेश कोर्ट का, बच्चे के साथ मारपीट तो गुंडागर्दी थी DelhiPolice
क्या पुलिस और जवान पर तलवार और हथियार से हमला करना कोई अपराध नहीं है ? ? क्या यही न्याय है ? क्या यही कानून है ?
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