मुंबई पर आतंकी हमले के बारह साल बाद भी असल गुनहगारों के खिलाफ पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं कर खुद ही इस बात का प्रमाण दे दिया है कि वह हमले के आरोपियों को बचा रहा है। जाहिर है, यह हमला उसी ने करवाया था, इसलिए गुनहगारों को बचाना उसकी मजबूरी भी है। वरना क्या कारण है कि मुंबई हमले को अंजाम देने वाले सलाखों के पीछे नहीं हैं! शुरू में तो पाकिस्तान इस हमले में अपना या अपने किसी नागरिक का या अपनी जमीन पर मौजूद किसी भी आतंकी संगठन का हाथ होने से साफ इंकार करता रहा था। लेकिन जैसे-जैसे जांच तेज हुई और...
उनको आधार मान कर यदि पाकिस्तान सरकार ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ हमले के आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती तो सारे गुनहगार आज सलाखों के पीछे होते। लेकिन सच्चाई यह है कि आतंकी संगठनों के सरगना पाकिस्तान सेना और आइएसआइ के संरक्षण में हैं। पाकिस्तानी अदालतों ने भारत के सबूतों को आधा-अधूरा बता कर खारिज कर दिया। दिखावे के लिए पाकिस्तान सरकार ने एक जांच आयोग बनाया भी था, लेकिन इस आयोग ने क्या किया, कोई नहीं जानता। हालांकि पाकिस्तान की जांच एजेंसियों ने मुंबई हमले की साजिश में लश्कर के आतंकी...
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