जनसत्ता ऑनलाइन नई दिल्ली | Published on: November 7, 2019 1:07 PM तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक रूप से किया गया है। फोटो: Reuters महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से सभी मुख्य राजनीतिक पार्टियां प्रदेश में सरकार बनाने की कोशिश में जुटी हैं, मगर प्रदेश में एक के बाद एक कई किसानों की आत्महत्या ने एक बार फिर उनकी बदहाली से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल पिछले हालांकि अभी सभी मामले में आत्महत्या के कारणों की वजह मालूम नहीं हो सकी...
सेंट्रल महाराष्ट्र रिजन में लगातार हुई बेमौसमी बारिश ने खरीफ फसल जैसे सोयाबीन, ज्वार, मक्का, कपास की खेती को बर्बाद क दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि एक नवंबर से नांदेड़ जिले में किसानों की आत्महत्या से जुड़े तीन मामले दर्ज किए गए हैं। इसी तरह बीड जिले में पिछले तीन दिनों में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली।
संबंधित खबरें मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि आत्महत्या करने वाले किसानों ने फसल बर्बादी के चलते खुद की जीवन लीला समाप्त कर ली या कर्ज का बोझ इसका प्रमुख कारण रहा।’ उन्होंने आगे कहा कि लातूर जिले में भी किसानों की आत्महत्या से जुड़े तीन मामले दर्ज किए गए। संदेह है कि इसकी वजह भारी बारिश के कारण फसल नुकसान या कर्ज का दबाव हो सकता है। जानकारी के मुताबिक उस्मानाबाद और परभानी जिले में भी दो किसानों के आत्महत्या की खबर है, हालांकि उनके भी आत्महत्या के कारणों...
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक हिंगोली जिला निवासी रामदास कारले ने कथित तौर पर कीटनाशक खाकर खुद की जान ले ली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हालांकि रामदास को किसी तरह बचा लिया गया और हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। इसके अलावा क्षेत्र में बेमौसम बारिश के कहर के कारण दिल का दौरा पड़ने से मरने वाले किसानों की भी रिपोर्ट दर्ज की गई हैं। ऐसे ही औरंगाबाद जिले में धनोरा निवासी एकनाथ कड़के की उस वक्त दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई जब उनकी खरीफ की फसल बारिश के चलते खराब हो गई।Hindi News से जुड़े...
Tarun73576322 सत्ता के लालच में आप दोनों नौटंकी करते रहो और किसी का घर उजाड़ रहा है इस बात की परवाह नहीं आपको
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