It Is Not A New Thing For Marwar That The Airstrip On The Highway, Maharaja Umaid Singh Had Built 23 Airstrips Before Independence.जोधपुर से लंदन, पेरिस और जापान तक जाते थे प्लेन, खतरे के डर से अंग्रेजों ने लगा दिया था बैनअपने विमान व परिवार के साथ महाराजा उम्मेदसिंह। उन्हें देश में हवाई सेवा का जनक कहा जाता है।
पाक सीमा के पास अड़गावा में आज इमरजेंसी हवाई पट्टी का उद्घाटन किया गया। फाइटर प्लेन के ट्रायल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे। मारवाड़ के लिए ऐसी हवाई पट्टी का निर्माण नई बात नहीं है। जिस समय दुनिया में विमान सेवा अपने कदम जमाने का प्रयास कर रही थी, उस समय जोधपुर इस मामले में काफी आगे बढ़ चुका था। इसका श्रेय मारवाड़ के तत्कालीन महाराजा उम्मेदसिंह को जाता है। उन्होंने पूरे मारवाड़ में 23 हवाई पटि्टयां बनवाई थीं। इससे अंग्रेज भी चौंक गए थे। उन्हें इसमें खतरा...
यह जोधपुर के फ्लाइंग क्लब का पुराना फोटो है। 1924 में दो डगलस विमानों ने पहली बार दुनिया का चक्कर लगाया। उसी साल महाराजा उम्मेदसिंह ने यहां नागरिक उड्डयन विभाग की स्थापना कर दी थी।1903 में दुनिया में हवाई जहाज का अविष्कार हुआ, इसी साल महाराजा उम्मेदसिंह का जन्म हुआ। 17 दिसंबर 1903 को राइट ब्रदर्स के हवाई जहाज ने पहली उड़ान भरी। 1924 में दो डगलस विमानों ने पहली बार दुनिया का चक्कर लगाया। उसी साल महाराजा उम्मेदसिंह ने नागरिक उड्डयन विभाग की स्थापना कर देश में हवाई सेवा की नींव रखी। उन्हें देश...
1938 तक फलोदी, डीडवाना, भीनमाल, सरदार समंद, परबतसर, शिव, गुड़ा, जसवंतपुरा, मादरी और हेमावास में भी हवाई पटि्टयां तैयार हो गईं। मारवाड़ में बनी 23 हवाई पटि्टयों ने अंग्रेजों तक को चौंका दिया। उन्हें खतरे का आभास हुआ। इसके बाद सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने मारवाड़ के महाराजा उम्मेदसिंह पर नई हवाई पटि्टयों का निर्माण कराने पर रोक लगा दी।महाराजा उम्मेदसिंह ने 1931 में जोधपुर फ्लाइंग क्लब की स्थापना की। शुरुआत में दो टाइगर मौथ, एक लीपर्ड मौथ, दो लॉकहीड विमानों को शामिल किया गया। 1935 तक...
जोधपुर फ्लाइंग क्लब में पार्क हुए विमान। उस दौर में यहां से रोजाना तीन इंटरनेशनल उड़ानें संचालित होती थीं। इनमें एयर फ्रांस, डीकेएलएम एयरलाइंस और इंडियन ट्रांसकोन्टिनेंटल एयरवेज की उड़ानें शामिल थीं।जोधपुर एयरपोर्ट पहले जोधपुर फ्लाइंग क्लब के नाम से दुनियाभर में मशहूर था। देश के गिने-चुने एयरपोर्ट में से यहां से उस समय इंटरनेशनल फ्लाइट्स संचालित होती थी। लंदन, पेरिस, रंगून, सिंगापुर, जर्काता, कराची और जापान तक जाती थी। यहां से रोजाना तीन इंटरनेशनल उड़ानें संचालित होती थीं। इनमें एयर फ्रांस,...
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