कुछ कंपनियों ने टर्म प्लान के प्रीमियम में अभी इजाफा नहीं किया है, लेकिन अगल दो से तीन महीने में ये कंपनियां भी प्रीमियम बढ़ा सकती हैं. प्रीमियम में बढ़ोतरी 20 से 40 फीसदी तक हो सकती है. यानी इस साल बीमा कंपनियां 40 फीसदी तक प्रीमियम बढ़ा सकती हैं.बीमा कंपनियों ने बताईं बढ़ोतरी की वजह
बीमा कंपनियों का कहना है कि कवरेज के स्वरूप में बदलाव की वजह से प्रीमियम में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. इसके अलावा पिछले एक साल में टर्म प्लान के डेथ क्लेम में भी इजाफा हुआ है. खासकर क्लेम पैटर्न में बदलाव से बीमा कंपनियों के कारोबार पर असर पड़ा है. जिससे अब प्रीमियम में इजाफा किया जा रहा है. हालांकि बढ़ा हुआ प्रीमियम का नए बीमा धारकों पर लागू होगा. यानी नए ग्राहकों को बढ़ा हुआ प्रीमियम पेमेंट भरना पड़ेगा. जबकि पुराने ग्राहकों पर इस बढ़ोतरी का असर नहीं पड़ेगा.
आंकड़ों के मुताबिक 1 करोड़ रुपये के टर्म इंश्योरेंस पर ICICI प्रूडेंशियल का टर्म प्लान करीब 21 फीसदी महंगा हुआ है, जबकि टाटा AIA का टर्म प्लान 30 वर्षीय बीमाधारक के लिए प्रीमियम 30 फीसदी तक बढ़ गया है. बीमा कंपनियों के इस फैसले के बाद नई टर्म पॉलिसी लेने वाले ग्राहकों को ज्यादा प्रीमियम देना होगा.
Mehangai bardast karna toh hamara janm sid adhikar hai
और नहीं तो क्या... धंधे का टाइम जो चल रहा है...लूट लो सबको।
अन्उत्पादकता में जीना है मोदी सरकार को तो ऐसे ही कमाई बढाऐगी कम्पनी ऐजेंट! कोरोना में बढे क्लेम तो सोसाइटी बैंक को-ऑपरेटिव बैंक NBFC HOUSING MF Share लुटेरों में मोदी सुरक्षा कवच पाएंगी!
सिर्फ और सिर्फ मैं ही हिंदुस्तान और मोदी जी को बचा सकता हु PM
Thank you Prime minister.😜
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
ईद: मुस्लिम-यहूदियों के लिए क्यों खास है अल अक्सा मस्जिद, जानें क्यों है विवादअल अक्सा को यूनेस्को ने अपनी विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया हुआ है जो कि यह तीनों अब्राहमिक धर्मों के लिए महत्वपूर्ण है. narendramodi एयरपोर्ट की पैसेंजर सिटिंग लॉबी में तीन सीटों में बीच की सीट पर '❌' लगा है की दूरी बनी रहे... मगर प्लेन के अंदर तीनों सीटों पर पैसेंजर बैठें हुए हैं...🤔 BC ऐसी बेकार व्यवस्था कहीं नही देखी आजतक...🤬 लाओ लाओ नोट करलू,कल को क्या पता UPSC के एग्जाम में आ गया तो कहीं IAS OFFICER बनने से ना चुंक जाऊ क्यों तेरा बाप गया है क्या वहाँ , news नही मिल रहा तो अपने घर का news दे दे
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
कोरोना: लॉकडाउन में छूट है लेकिन वायरस यहीं है, कैसे बचेंगे?लॉकडाउन-4 में सरकार की तरफ़ से पाबंदियों में कई तरह की छूट दी गई है. मगर लॉकडाउन में छूट का मतलब कोरोना वायरस से छूट नहीं है.
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
चीन यदि दुनिया की 'फैक्ट्री' है तो भारत बन सकता है दुनिया का 'ऑफिस': उदय कोटकGood idea Good news Baat to bilkul sahi khi
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
क्या वायरस को पता है कि ये एयरक्राफ्ट है और मुझे यहां संक्रमण नहीं करना: SCIndia News: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि केंद्र सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में सोचना चाहिए। कंधे से कंधा मिलाकर बैठना खतरे से खाली नहीं है। इंटरनेशनल या डोमेस्टिक किसी भी फ्लाइट में कोई फर्क नहीं है। the mix manifold. This system reduces the amount of air that the packs need to supply. This part of the A/C system recycles approximately 50 percent of the cabin air for ventilation purposes) What about the recirculation of cabin air in the Aircraft? which will pass from one coronavirus infected passenger to all other healthy passengers in the Aircraft. (Recirculation of cabin air The recirculation system uses two fans to move air from the passenger compartment to the में ले जाने के लिए दो पंखो का उपयोग करता है। यह प्रणाली हवा की मात्रा को कम करती है जिसे पैक को आपूर्ति करने की आवश्यकता होती है। ए / सी प्रणाली का यह हिस्सा वेंटिलेशन प्रयोजनों के लिए केबिन की हवा का लगभग 50 प्रतिशत हवा को रिसाइकिल करता है)
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »
Heatwave: आसमान से बरस रही है आग, इससे करना है बचाव तो बरतें ये सात सावधानियांसमूचे उत्तर भारत में इस वक्त प्रचंड गर्मी पड़ रही है। ऐसे में एहतियात बरतनी जरूरी है। नीचे दिए गए सात उपायों से इस मौसम में बचा जा सकता है ।
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
जारी है प्रवासी मजदूरों का लौटना, देखें क्या है क्वारनटीन सेंटरों का हालकोरोना की सीधी मार किसी पर पड़ी है तो वो प्रवासी मजदूर हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार के वो मजदूर बड़े-बड़े शहरों में मजदूरी करते थे. वो घर लौट आए तो भी दुर्भाग्य उनका पीछा नहीं छोड़ रहा. आज 10तक में हम आपको 27 साल की एक महिला की त्रासदी के बारे में बताएंगे, जिसके पति को कोरोना निगल गया और दिल्ली से अपने गांव पहुंची तो वहां भी जिंदगी बहुत मुश्किलों से भरी है. अपने पति राजकुमार के साथ आशा दिल्ली में रहती थी. लेकिन कोरोना ने एक झटके में इसकी दुनिया बदल दी. 21 मई को इसके पति की दिल्ली में मौत हो गई. जिंदगी का आसरा चला गया. जैसे तैसे अयोध्या जिले के अपने गांव धुरेहटा लौटी तो अभी 21 दिन के लिए क्वैरंटाइन का वनवास काट रही है. देखें ये रिपोर्ट. Bhut bura ho rha h desh m garib log ke sath 😞😞😞❤
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »