भास्कर एक्सप्लेनर: मुंबई हमले के बाद बनी NIA, जिसने कश्मीर में टेरर फंडिंग रोकी; जानें इसके बारे में सबकुछ

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National Investigation Agency ; What Is The Role Of NIA? Who Stops Kashmir Terror Funding? Know Everything Aboutमुंबई हमले के बाद बनी NIA, जिसने कश्मीर में टेरर फंडिंग रोकी; जानें इसके बारे में सबकुछमुंबई पर हुए अब तक के सबसे खतरनाक और भयावह आतंकी हमले को आज 12 साल पूरे हो गए। 26 नवंबर 2008 की रात से शुरू हुए हमले 29 नवंबर 2008 तक चले थे। 166 लोग मारे गए। चारों तरफ निराशा ही निराशा थी। ये वो वक्त था जब किसी के लिए न रुकने वाली मुंबई भी थम सी गई...

मुंबई पर जब हमला हुआ तो उसके बाद एक ऐसी जांच एजेंसी की जरूरत महसूस हुई, जो केंद्र सरकार के अधीन काम करे और आतंकवादी गतिविधियों पर नजर बनाकर उनको नाकाम कर सके। NIA का मकसद टेरर फंडिंग रोकना, आतंकी हमलों और उससे जुड़े लोगों की जांच करना है।नहीं। NIA में इन्वेस्टिगेशन शब्द है, इसलिए ऐसा लगता है कि ये सिर्फ जांच एजेंसी ही होगी। लेकिन ऐसा नहीं है। NIA इन्वेस्टिगेशन एजेंसी होने के साथ-साथ प्रॉसीक्यूशन एजेंसी भी है। इन्वेस्टिगेशन यानी किसी मामले की जांच करना, उसके सबूत इकट्ठे करना और प्रॉसीक्यूशन यानी...

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद 30 सालों से है। टेरर फंडिंग रोकने के लिए NIA कई सालों से काम कर रही है और अभी भी कश्मीर में आए दिन छापे मार रही है। टेरर फंडिंग मामले में NIA ने 2017 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के घर पर भी छापा मारा था। इस मामले में NIA ने हुर्रियत के कई नेताओं को गिरफ्तार भी किया था, जिसमें सैयद अली शाह गिलानी का दामाद अल्ताफ अहमद शाह भी शामिल है।जांच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव में काम करने के आरोप अक्सर लगते रहते हैं। NIA भी इससे अछूती नहीं है। 2004 से 2008...

 

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