भारत के लिए पाकिस्तान से ज्यादा खतरनाक है चीन

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चीन ने न सिर्फ अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है, बल्कि उसकी वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी लगातार आसमान में मंडरा रहे हैं chinaindiaborder

इन दिनों लद्दाख और सिक्किम से सटी भारत-चीन सीमा पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इन इलाकों में चीन ने न सिर्फ अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है, बल्कि उसकी वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी लगातार आसमान में मंडरा रहे हैं। उधर नेपाल ने भी तिब्बत, चीन और नेपाल से सटी सीमा पर भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिपियाधूरा इलाके को अपने नए राजनीतिक नक्शे में शामिल कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। माना जा रहा है कि नेपाल ने भी यह दुस्साहस चीन की शह पर ही किया...

मई 1998 में वाजपेयी सरकार ने पोखरण टू परमाणु परीक्षण किया था, जिसकी वजह से अमेरिका ने भारत को काली सूची में डाल दिया था। जार्ज अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन चीन को लेकर उनका आकलन समय की कसौटी पर बीते दो दशकों के दौरान कई बार सही साबित हुआ है। इस समय भी चीन का रवैया जॉर्ज के कहे की तस्‍दीक कर रहा है। वैसे न तो चीनी खतरा भारत के लिए नया है और न ही उससे आगाह करने वाले जार्ज अकेले राजनेता रहे। 2017 में चीन की सेना जब डोकलाम में कई किलोमीटर अंदर तक घुस आई थी, तब संयुक्त मोर्चा सरकार में रक्षामंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने भी अपने अनुभव के आधार पर चीनी खतरे के प्रति सरकार को आगाह किया था। इस मसले पर लोकसभा में बहस के...

इतना सब होने के बावजूद लगभग एक दशक तक भारत-चीन के बीच राजनयिक रिश्ते अच्छे रहे। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने एक-दूसरे के यहां की कई यात्राएं कीं। लेकिन 1960 का दशक शुरू होते-होते चीनी नेतृत्व के विस्तारवादी इरादों ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया और भारत के साथ उसके रिश्ते शीतकाल में प्रवेश कर गए। तिब्बत जब तक आजाद देश था, तब तक चीन और भारत के बीच कोई सीमा विवाद नहीं था, क्योंकि तब भारतीय सीमाएं सिर्फ तिब्बत से मिलती...

 

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