भारत में सितंबर में आ चुका कोरोना का पीक, फरवरी तक मिल सकती है मुक्ति: समिति

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हैदराबाद IIT के प्रोफेसर एम. विद्यासागर ने एक स्टडी के बाद किया दावा: लॉकडाउन के बिना कोरोना वायरस से भारत में बड़ी तबाही होती

लॉकडाउन के बिना कोरोना वायरस से भारत में बड़ी तबाही होती. अगर लॉकडाउन ना होता तो भारत में जून तक 1.40 करोड़ से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले हो गए होते. हैदराबाद IIT के प्रोफेसर एम. विद्यासागर ने 'भारत में कोविड-19 महामारी की प्रगति: लॉकडाउन के प्रभाव और पूर्वानुमान' पर हुई एक स्टडी के बाद ऐसा दावा किया है.प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा, 'हमारी तैयारियों में कमी के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई होती, जिससे कई अतिरिक्त मौतें होतीं.

स्टडी ये भी कहती है कि अगर सभी प्रोटोकॉल्स को अच्छी तरह से लागू किया जाए तो अगले साल फरवरी के अंत तक इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. ज्यादा से ज्यादा कुछ हल्के लक्षणों वाले मरीज ही रह जाएंगे.एक्सपर्ट का दावा है कि सुरक्षात्मक मामलों में छूट भारत पर हर महीने 26 लाख मामलों का बोझ डाल सकती है. समिति ने ये भी कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में मजदूरों के माइग्रेशन का इंफेक्शन की कुल संख्या पर असर काफी कम हुआ है.

 

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Jiske gand me dum lockdown karne ka modi thakre sarkar ya fir court ... lockdown possible hehi nahi ...nahi to tamashe honge

Usme study kya krna hai

Abhi to hai hi nhi sirf 100 hqi

Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Shushant Tak

TRIVENIDUBEY आज तक वालो और वालियो ,जाओ सोनिया और राहुल के घर और राहुल को दो लाफा मारो और ये खबर 50 बार पढ़ कर सुनाओ 🙏

पर यह कांग्रेस के गले नही उतर रहा है ।

कोरोना से ज्यादा और बहुत सारे बिमारी और दुर्घटना से लोग प्रति वर्ष मरते है 😒फिर सिर्फ दुनिया कोरोना के ही आंकड़े इतनी क्यों प्रचारित कर रही है 😗उनके भी आंकड़े दिखाओ 😎

Statistical science is based n historical data vch hlps us predict future hwevr, 'forecasts are nevr accurate' is also a truism of Statistical Forecasting. Mark my words,we will only get rid of it once the vaccine is available in the market. drharshvardhan PMOIndia HMOIndia

when academics will downgrade all principles and try to get the patronage of Power the country certain doomed to destroyed

सरकार की नाकामी को छुपाने के लिए स्वास्थ्य टीम को आगे किया जा रहा है? वैसे अभी तो पिछले 2-3 महीने से कहीं भी lockdown नहीं है और ना ही सोशल डिस्टन्सिंग का पालन हो रहा है, बिहार में इलेक्शन भी होने जा रहा है जहाँ बकवास नेताओं को सुनने लाखों की भीड़ इकट्ठा हो रही है.

काश यह बात विपक्ष भी समझ पाता।।

Isse jara jahil Nakara Nalayak Nikkama Rahul ko bata do..

But we are not arguing on lockdown we arguing the method People's on street for food For eatch desions there must be plan but now days these announcements becomes big disasters gor poor people's and no one cares

IIT प्रोफेसर एम विद्यासागर मोदी सरकार की जुबान बोल रहें हैं।

जब 500 cases थे तब भारत में lockdown लगा हुआ था, आज 90k मामले आ रहे हैं तो lockdown हटा लिया गया है. भारत में corona को बहुत बुरी तरह manage किया गया. आज के हालात पर विद्यासागर जी क्या कहेंगे?

लॉक डाउन कर के क्या उखाड़ लिया।🤔 भारत विश्व कोरोना संक्रमित देशो में पहले स्थान पर आने में दो गज की दूरी है।

आज तक महोदय कमलनाथ ने एक दलित महिला को आइटम कहा ओर तुम चुप हो अगर यही भाजपा नेता ने देश की किसी भी सामान्य दलित महिला को आइटम कहा होता तो चित्रा अंजना राहुल जेसे पत्तलकार दस दिन हंगामा करते याद हे एमपी में बीजेपी नेता का घोड़े को लाठी मारने पर आजतक का हंगामा

मीडिया वालों ने लिखवाया है प्रो.साहब को पकड़ कर

जैसे सवा लाख आदमी का महामारी के छह महीने के समय-अंतराल में मर जाना कोई छोटी तबाही थी....!! Wellsaid_M_Vidyasagar 🙏🙏

But hamare yaha ke ek scientist shri gandhi ji ne kaha tha ki, bharat me lock down nahi hona chahiye tha un planned tha. Planning kate ke 2 mahine ka notice dekar fir karna chhaiye tha. Ab kis ki bat mane

ऐसे कई दावे लॉक डाउन के पहले भी किए गए थे। पर ये सब केवल अनुमान है कोई सही से कुछ नहीं बता सकता।

इस प्रफ़ेसर को प्रमोशन चाहिए होगा। बिना क़ाबिलियत का

TajinderBagga

जान बची रोजगार छुटा पहले गरीब थे अब भिखारी बनें जो अमीर थे और अमिर बन गया कोरोना केवल कुछ को आपदा में भी अवसर दे गया ...

लॉक डाउन के बाद तो और तबाह हो गया।

but planned lockdown would have resulted in better control..

अपोलो शैल्बै जैसे हस्पताल लोगन की जेब - जो चाटे! कोरोना में ₹4000/-का रेडेविसिविर 35000/- में लगा लगा फिर वैज्ञानिक कहें ये भी HQC जैसा - मजाकिया! शेयर बाजार इन फर्जी ने चढा रा और L&T BEML IOC HPCL BPCL ने गिरारा! मुस्कराइए क्यों कि ... !

or me kehta hu lockdown fail h.... aur me bilkul sahi hu ... lekin is baat ko kon galt siddh kr sakta he ... Beeti baato ko proved kr a utna hi mushkil he jitna gobar bhakto ko samjhanaa

हा बे चूतिये, अभी तो जैसे स्वर्ग का सुख भोग रहे है।

this need to be shown to ShashiTharoor and RahulGandhi sir. they are in different world

प्रोफेसर साहब को वाइस चांसलर बनाओ. हमारा आदेश है।

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