प्रतीकात्मक तस्वीर
शुक्रवार को संसद में पेश की गई सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक़ 2017-18 में ओएफ़बी का प्रदर्शन चिंताजनक तस्वीर पेश करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि थलसेना और नौसेना ने 2013-14 से 2017-2018 तक नौ तरह के हथियारों में फ़्यूज़ से जुड़ी समस्याओं या खामियों के चलते हुईं 36 घटनाओं का जिक्र किया है. रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में 49 प्रतिशत चीज़ों में ही फ़ैक्ट्रियां अपने लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन कर सकीं.झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनाव में आज दूसरे चरण के लिए मतदान होगा. इस चरण में 20 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे.
अब ऑर्डनेन्स फैक्ट्री के बन्द होने या विनिवेश होने के दिन करीब हैं।
BBC bale apne baap ko bolna aa ke aajma le phir se.
To woh arms girls ko dedo.unke Kam ayenge.
यह सब कि जिम्मेदार 2014 से बनी सरकार हैं। जो सरकारी किसी भी संस्थान को ठीक से काम करने ही देना नहीं चाहतीं। आज आयुध निर्माणी पर कीचड़ उछाल रहे हैं पर ध्यान दे तो पता चले मौजूदा सरकार चाहती नहीं के देश में कोई सरकारी संस्थान रहे।
Ordinance Factories अब बची कहाँ हैं? ७०% छंटनी हो चुकी है, सही निवेश, प्रोद्योगिकी तथा पूंजी की कमी से जूझ रहे है संस्थान! हम खोखले दिखावे के बनावटी सफेद हाथी! बर्बाद लोकतंत्र का लाभ उठाकर गुजरात की गंदी नाली के कीड़े साउथ ब्लाक में घूम रहे हैं!
तुम्हे भारत विरोधी खबरे दिखाने मे बडा मजा आता है, क्यूं;
Do something indiangovernment.
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