कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में पिछले हफ्ते कुछ शहरों में ढील दी गई. इसके बाद इन शहरों में शराब की दुकानों के आगे लंबी कतारें लग गईं.
भारत के 29 राज्यों में से हरेक की अपनी-अपनी शराब नीतियां हैं. राज्य इसके उत्पादन, कीमत, बिक्री और टैक्स तय कर सकते हैं.लॉकडाउन खुलने के बाद शराब खरीदने के लिए उमड़ी भीड़ ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ां दीं.शराब पर इतने कंट्रोल के बावजूद भारत दुनिया में शराब का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. इस मामले में चीन सबसे आगे है. लंदन स्थित रिसर्च फ़र्म आईडब्ल्यूएसआर ड्रिंक्स मार्केट एनालिसिस के अध्ययन से इस बात का पता चला है.
रेटिंग फर्म क्रिसिल के मुताबिक़, इस बात में कोई अचरज नहीं होनी चाहिए कि इन राज्यों की कमाई का 10 फीसदी से ज़्यादा हिस्सा शराब की बिक्री से आता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 11 फीसदी भारतीय शराब पीते हैं जबकि इस मामले में वैश्विक औसत 16 फ़ीसदी का है. जर्मनी के टेक्नीशे यूनिवर्सिटैट ड्रेसेडेन के जैकब मैंथे इस स्टडी के प्रमुख लेखक हैं. उन्होंने बताया कि खपत में इज़ाफ़ा हुआ क्योंकि शराब खरीदने लायक आमदनी वाले लोगों की संख्या खपत को कम करने के मक़सद से उठाए गए क़दमों के मुक़ाबले ज़्यादा तेज़ी से बढ़ गई.
Vah Modi Bhakt
heard attacks
🤣🤣
इससे सबसे ज्यादा फायदा राज्य सरकार को होता है?
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SHARABI KO THO AADAT H POLICE KE LATHI KHANAE KE
Bbc tu sirf nigetiv tikjata hai
इसे ऐसे कहना चाहिए ; ' देश की अर्थव्यवस्था बचाने वाले रक्षकों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज ' ।
सबको मालूम है कि मैं शराबी नहीं फिर भी कोई पिलाएँ तो मैं क्या करूँ
अच्छा किया गया
शराब खरीदने के लिए पुलिस छुट दे रही है पर दवा खरीदने के लिए नहीं... पुलिस सुनती तक नहीं है डंडे दिखाती है... सलाम है
इलेक्शन जीतने के जरूरी हथियार (शराब)
बकवास न्यूज
सरकार कितनी और कैसे पिला सकती है, इसपे निर्भर करता है!
Profit Only Rich Man And Business Man Ravinder Gautam!
BBC तेरे कर्मचारी की फ़ोटो है क्या? क्योँकि तेरी सारी ख़बर लगता टल्ली हो कर बनाई जाती है🤓🤓🤓🤓🤓🤓🤓🤓🤓
jisne pini h woh piye ...
जनता की क़ीमत पर ही जनता की जान का सौदा हैं शराब की नीति।चूँकि इसकी बिक्री में अरबों के वारे न्यारे होते हैं तो हर सत्ताधीश की सत्ता पर चढ़ने के लिए और सत्ता बरकरार रखने के लिए पहली और आख़री पसंद हैं शराब
अपने बाप की ( इंग्लैंड ) भी बात करो जहॉ सुबह सुबह शराब से मुँह धोते है और फ़ायदा चर्च को दे आते होगे
पहले शराबबंदी महकमा था अब आबकारी महकमा बन गया। इस वर्ष जितनी शराब बिकी अगले वर्ष उससे कम बिकने पर आबकारी विभाग को सफाई देनी पडती है। देश नशे मे होगा तो सरकार से सवाल नही करेगा। गुर्दे की बीमारी हो या गृहकलह हो कोई फर्क नही पडता। तीनों तबकों के लिये शराब बनती है। ये अनंत कथा है।
Economy booster
शराब निर्माण और व्यवसाय मे पैसा ही पैसा है। इसपर चाहे जितना टॅक्स लगा दें फिरभी शराब पियेंगे, उसके लिये कुछ भी करेंगे। निर्भया काँड सुनियोजित नही था। अधिक शराब के लिये पैसे जुटाने बाहर निकले थे, नशा पहले से सर चढकर बोल रही थी। शराब बनाने वाले और उसपर कानून बनाने वाले भी राजनेता।
अगर गुजरात में लीगल तरीके से शराब की बिक्री होती है तो अंदाजीत 15 हजार करोड़ रुपए की रेवन्यू सरकार को मिल सकती है क्या शराब बंदी गैरकानूनी तरीके से शराब बिक्री के कारण करीब 15 हजार करोड रुपए की हफ्ता वसूली हो जाती है ?
Panmasala kab khulega
Pine walon ko labh hota hai pet ke kide marr jate hain ok
Wo to pata nahi...par corona sharab se door hota hai ye thekedaar ne bataya hai.
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नही
𝙂𝙤𝙫𝙚𝙧𝙣𝙢𝙚𝙣𝙩 𝙝𝙤 𝙥𝙧𝙤𝙛𝙞𝙩 𝙝𝙤𝙣𝙖 𝙘𝙝𝙖𝙝𝙞𝙮𝙚 𝙟𝙖𝙣𝙩𝙖 𝙟𝙖𝙮𝙚 𝙗𝙝𝙖𝙙 𝙢𝙖𝙞
जब जब इस देश पर संकट आया है, देश की मदद मे मन्दिर और गुरुद्वारा ही खड़े पाए गए है तो फिर इस देश के मस्जिद और चर्च क्या करते है🤔 चर्चो द्वारा धर्मांतरण का गंदा खेल खेला जाता है और मस्जिद मदरसो मे देश विरोधी ग़द्दारो को पनाह दी जाती है फिर मस्जिद और चर्चो को सरकरी अनुदान क्यो?
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