जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था. जगह-जगह दंगे और कोहराम की हालत थी, तब दोनों देशों के बीच डाक सेवा जारी थी. दोनों पड़ोसियों के बीच हुए तीन युद्धों के दौरान भी चिट्ठियों का आना- जाना कभी रुका नहीं. बहुत से रिश्ते-नाते अब भी सीमा के दोनों ओर बसते हैं. ये चिट्ठियां ही हैं, जो उन्हें कभी मुस्कराने तो कभी गम बांटने का मौका देती हैं. बेशक जमाना इंटरनेट और मोबाइल का आ गया, लेकिन दोनों देशों में पत्रों का आदान-प्रदान कम नहीं हुआ.
27 दिसंबर के बाद से पाकिस्तान से ना तो कोई पोस्ट भारत आ रही है और ना ही भारत से आने वाली कोई पोस्ट स्वीकार की जा रही है. पाकिस्तान के इस कदम के बाद लोगों की मुश्किलें भी बढ़ी हैं. केवल मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिखों और हिंदुओं के भी कई परिचित पाकिस्तान में रहते हैं. जो शादियों, त्योहारों और अपने घरेलू प्रोग्राम्स में डाक के जरिए कार्ड्स आदि वहां भेजते थे, वो सब इन दिनों रुका हुआ है.
हालांकि पाकिस्तान के अखबार"द न्यूज" ने अपने देश में पोस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात की. जिन्होंने इस पर गोलमोल जवाब दिया. साथ ही पूरा दोष भारत पर मढ़ दिया.वैसे आपको बता दें कि सामान्य दिनों में भी भारत और पाकिस्तान के बीच पोस्ट का रूट कभी लंबा और घुमावदार होता है, क्योंकि भारत से सीधे कोई पत्र, पार्सल या कूरियर ना पाकिस्तान जाता है और ना ही वहां से यहां आता है. डाक सेवा के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद या फिर दुबई का रूट लिया जाता है.
कई बार इसका इस्तेमाल और ज्यादा जरूरी काम में होता है. मसलन अगर किसी भारतीय मछुआरे को पाकिस्तान ने पकड़ लिया तो उसे भारत में अपने वकील को पॉवर ऑफ अटार्नी भेजने की जरूरत होती है, इसे डाक से ही भेजा जा सकता है. कूरियर से भी नहीं. साथ ही अदालतें ईमेल से भेजे गए कागजात स्वीकार नहीं करतीं.वैसे भारत से पाकिस्तान भेजी जाने वाली डाक सेवा पर लगने वाला शुल्क भी कुछ ज्यादा ही है. पाकिस्तान भेजे जाने वाली हर 250 ग्राम वजन की डाक के लिए 810 रुपये शुल्क लेता है.
डीक बंद हो गई
अच्छा है।न रहेगा बांस, और न बजेगी बांसुरी।
Pm unka baap h
अरे यार तुम फिर शुरू हो गए.. Ignore करो अब पाक को.. बहोत हो गया.. पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बार उल्लेखित किया जाने वाला देश बन गया है.
Welcome step
ImranKhanPTI चिट्ठियां भेजो या न भेजो पर आतंकवादी न भेजो। ऐसे ही चलता रहा तो पाकिस्तान ऐसा लतखोर देश बनने की राह पर है जिसे कोई ऐरा गैरा भी 2 लात मार के ही जायेगा। जनवरी 2020 में तुम्हारा ब्लैकलिस्ट में जाना तय है
विनाश काले विपरीत बुद्धि
क्यों क्या लव-लेटर लिखना है इमराण खाण को अंबानी&अडानी के मीडियाई चैनलों को ये उसका आंतरिक मामला है जैसे कश्मीर हमारा आतंरिक मामला है !!
फिर तो हमें खुश होना चाहिए, यार तुम लोगों को भी कभी नहीं समझ पाया ?😠😠😠
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